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तीसरी लहर को लेकर केंद्र की राज्य सरकारों को चेतावनी, बिना जमीनी हकीकत जानें न दें ढील

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 20 2021 9:58AM | Updated Date: Jun 20 2021 9:58AM
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देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जमकर अपना कहर बरपाया। इस पर काबू पाने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों ने अपने यहां कड़ी पाबंदियां लगा दीं। वहीं अब कोरोना के नए केस और संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े में लगातार गिरावट जारी है, जिसके बाद राज्यों ने लागू पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी है। लॉकडाउन हटते ही एक बार फिर बाजारों में भीड़ उमड़ने लगी है। 

कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ते देख केंद्र सरकारों ने राज्यों को पाबंदियों ढील देते वक्त बेहद सर्तक रहने की चेतावनी दी है। साथ ही संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्यों को '3T+V' फॉर्मूला अपनाने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार की ओर से ये निर्देश एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की उस चेतावनी के बाद जारी किए गए हैं, जिसमें कोरोना की तीसरी लहर अगले 6 से 8 सप्ताह में दस्तक देने की बात कही गई है। बता दें कि गुलेरिया ने शनिवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोरोना से जुड़े गाइडलाइंन को फॉलो नहीं किया गया तो तीसरी लहर 6-8 हफ्तों में आ सकती है। जरूरत है कि वैक्सीनेशन होने तक हम आक्रामक रूप से कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी जंग जारी रखें।

गुलेरिया ने कहा कि अगर लोगों ने मास्क और सामाजिक दूसरी जैसे जरूरी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया तो मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं। एम्स के निदेशक ने कहा कि कोरोना के केस बढ़ने पर सर्विलांस और जिस क्षेत्र में केस बढ़ते हैं, उसकी पहचान कर वहां लॉकडाउन लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है।

चेतावनी: पाबंदियों में ढील कहीं न बन जाए महंगी डील केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा। गृह सचिव ने पत्र में कहा, 'मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि पांबदियों में छूट देने का फैसला जमीनी हकीकत के बारे में जानने के बाद लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केस कम होने के बाद गतिविधियों के लिए ढील देना जरूरी है, लेकिन यह काम पूरी सतर्कता के साथ किया जाना चाहिए। पाबंदियों में छूट के दौरान यह बेहद जरूरी है कि कोरोना संबंधी नियमों का पालन किया जाए।'

पत्र में तीसरी लहर की चेतावनी देते हुए कहा गया कि राज्य लॉकडाउन में ढील देते समय '3T+V' फॉर्मूला यानी टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और वैक्सीनेशन फॉर्मूले का विशेष ध्यान रखें। पत्र में राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोरोना प्रोटोकॉल जैसे- मास्क पहनने, हाथ साफ करना, सामाजिक दूरी और बंद जगहों में वेंटिलेशन के ऊपर भी काम करने जैसे नियमों का सख्ती से पालन कराएं। इसके अलावा राज्यों से वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने को भी कहा है।

संक्रमण दर और एक्टिव केस पर रखें नजर केंद्र ने राज्यों को आगाह करते हुए कहा कि भले ही कोरोना संक्रमण के मामले घट रहे हैं, लेकिन इसकी वजह से जांच दर में गिरावट नहीं आनी चाहिए। तीसरी लहर की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए सक्रिय मामलों में जरा सी बढ़त या फिर संक्रमण दर बढ़ने जैसे शुरुआती संकेतों को लेकर सचेत रहें। अगर किसी छोटे इलाके में भी मामलों में वृद्धि होती नजर आ रही है, तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों के आधार पर कदम उठाकर उसे स्थानीय स्तर पर ही सीमित किया जाए।

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