नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज दिल्ली में इलेक्शन कमीशन से मुलाकात की। इस दौरान चिराग पासवान ने कहा कि 2019 में, मुझे 5 साल के लिए LJP अध्यक्ष चुना गया था। चुनाव आयोग ने हमें आश्वासन दिया है कि अगर कोई LJP के नाम पर दावा साबित करने की कोशिश करता है, तो हमें सबूत पेश करने का मौका दिया जाएगा। इस दौरान चिराग ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि LJP का मैं ही अध्यक्ष हूं, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बंद कमरे में नहीं होता। वहीं, पशुपति कुमार पारस मुझे सर्वसम्मति से चुना गया था। निर्वाचन अधिकारी ने मुझे लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का पत्र दिया। मसौदा आज चुनाव आयोग को सौंपा जाएगा। प्रधानमंत्री तय करेंगे कि किसे मंत्री पद मिलेगा। चिराग पासवान ने बताया कि हमने चुनाव आयोग से कहा है कि पार्टी सिंबल से जुड़े किसी भी फैसले से पहले हमें ज़रूर सुने। आयोग ने हमें आश्वासन दिया है।
चिराग पासवान ने बोले अगर पटना में हुई कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकारिणी के लोग मौजूद थे तो नाम क्यों नहीं बताते। एक भी तस्वीर कार्यकारिणी के बैठक की सामने क्यों नहीं। दरअसल उनके पास कार्यकारिणी के लोग पहुंचे ही नहीं। शायद स्पीकर साहब को मेरे दल के संविधान की जानकारी नहीं। मैं उनसे जल्द मुलाकात करूंगा। LJP में चल रहे टकराव के बीच पशुपति कुमार पारस ने कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक चिराग पासवान अब न तो लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और न ही संसदीय दल के नेता हैं। कल का चुनाव पार्टी के संविधान के तहत पूरी तरह से वैध था, जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। जनशक्ति पार्टी का आंतरिक विवाद और गहराता जा रहा है। गुरुवार को पटना में हुई पारस गुट की बैठक में पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है।