कराची। कराची की एक अदालत ने Ex Wife को Online परेशान करने के जुर्म में एक व्यक्ति को 12 साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने अरशद हादी को 2016 में Facebook पर फर्जी अकाउंट बनाने और पूर्व पत्नी की अभद्र तस्वीरें और Video Post करने का दोषी करार दिया। उस पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जिला और सत्र न्यायाधीश (पूर्व) खालिद हुसैन शाहानी ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने और साक्ष्य रिकार्ड करने के बाद यह फैसला सुनाया।
महिला के तलाक लेने के बावजूद उसे परेशान करने पर उसके पिता ने संघीय जांच एजेंसी की साइबर अपराध शाखा में हादी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पति की अमानवीय गतिविधियों के कारण महिला ने उससे तलाक मांगा था। दरअसल पाकिस्तान में बहुसंख्यकों के लिए न्याय तो तेजी के साथ काम करता है लेकिन अल्पसंख्यकों के शोषण पर न्यायिक चुप्पी आम है। पाकिस्तान में एक ईसाई लड़की के अपहरण के मामले में सरकार, पुलिस और अदालत तीनों की कलई खुल गई थी। पाकिस्तान के गुजरांवाला में साढ़े तेरह साल की एक ईसाई लड़की का मुस्लिमों ने अपहरण कर लिया था और उसकी तीन बच्चों के पिता से जबरन शादी करा दी थी। इस गंभीर अपराध को कानूनी जामा पहनाने के लिए युवती का अदालत में जबरन बयान दिलवा दिया गया था।
कोर्ट में बैठे जज ने भी नाबालिग लड़की की शादी को वैध बताकर मुल्जिमों को रिहा कर दिया था। अब पीडि़त का पिता शाहिद गिल न्याय की गुहार कर रहा है लेकिन पाकिस्तान का पूरा न्यायिक तंत्र खामोश है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पीडि़त ने बताया कि उसकी लड़की के नाबालिग होने के बाद भी धमकी देकर दिलाए गए बयान को अदालत ने मान लिया। पाकिस्तान में बाल विवाह निरोधक एक्ट 1929 के अनुसार 18 साल से कम उम्र के लड़के और 16 साल से कम उम्र की लड़की की शादी अवैध है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वह युवती के बयान पर अपना फैसला देगी।