नई दिल्ली। भारत ने आज ब्रिक्स वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की पहली बैठक की वर्चुअल मेजबानी की। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने संयुक्त रूप से की। बैठक में ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्री और उनके केंद्रीय बैंकों के गवर्नर शामिल थे। 2021 में भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की यह पहली बैठक थी।
बैठक के दौरान ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों गवर्नरों ने 2021 के लिए भारत द्वारा निर्धारित वित्तीय सहयोग एजेंडे पर चर्चा की है। इसके तहत वैश्विक आर्थिक आउटलुक और कोविड-19 महामारी का असर, न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की गतिविधियां, सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग और डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग, सीमा शुल्क से संबंधित मुद्दों पर सहयोग, आईएमएफ में सुधार, एसएमई के लिए फिनटेक और वित्तीय समावेशन, ब्रिक्स रैपिड सूचना सुरक्षा चैनल और ब्रिक्स बॉन्ड फंड पर चर्चा की गई।
2021 में ब्रिक्स की प्राथमिकताओं और एजेंडे पर सीतारमण ने कहा कि ऐसे परिणाम देने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए जो विशेष रूप से उभरते बाजारों में ब्रिक्स की जरूरतों और आकांक्षाओं और उभरती विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की उम्मीदों को दर्शाते हैं। वित्त मंत्री ने कोविड-19 के संकट को देखते हुए नीतियों के समर्थन और अंतर्राष्ट्रीय समन्वय बढ़ाने के लिए ब्रिक्स के महत्व पर जोर दिया।
सीतारमण ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन अभियान चला रहा है। भारत ने 84 देशों को 6.45 करोड़ वैक्सीन डोज की आपूर्ति की है। सामाजिक बुनियादी ढांचे के महत्व और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर बोलते हुए, वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र को साथ जुड़ने और नए कर्ज के मॉडल तैयार करने में निजी क्षेत्र के महत्तव पर भी जोर दिया।
सीतारमण ने कहा कि परिणाम आधारित फंडिंग मॉडल का उपयोग करने वाली प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना ने स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में निजी निवेश की भूमिका को सबके सामने पेश किया है। इसके जरिए वंचित लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो रहा है। बैठक के दौरान वित्त मंत्री द्वारा 2021 में न्यू डेवलपमेंट बैंक की प्राथमिकताओं पर चर्चा और सदस्यता विस्तार के मुद्दों पर चर्चा की गई। सीतारमण ने आईएमएफ में कोटा के 16 वें सामान्य समीक्षा के मुद्दों पर ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच अधिक समन्वय का आव्हान किया।