हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा है कि संघ एवं गायत्री परिवार व्यक्ति निर्माण का अभिनव कार्य कर रहा है तथा दोनों ही संस्थान राष्ट्र के नवनिर्माण में समर्थ व्यक्तित्व समर्पित कर रहे हैं।
भागवत ने अपने हरिद्वार प्रवास के अंतिम दिन देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज पहुंचे। विवि पहुँचने पर आरएसएस प्रमुख का प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने मंगल तिलक एवं उपवस्त्र भेंटकर स्वागत किया। यहाँ डॉ. भागवत ने प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र की सुख एवं समृद्धि की प्रार्थना भी की।
शांतिकुंज स्वर्ण जयंती व्याख्यानमाला के प्रथम मौके पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा. भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं गायत्री परिवार के व्यक्ति निर्माण का अभिनव कार्य कर रहा है। दोनों ही संस्थान राष्ट्र के नवनिर्माण में समर्थ व्यक्तित्व समर्पित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि केवल अपना भौतिक सुख ही सब कुछ नहीं है। सर्वे भवन्तु सुखिन: के भाव से किये जाने वाला कार्य से आत्म की संतुष्टि मिलती है, जो सबका लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुर बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डा. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि युग निर्माण दैवीय योजना है। इस योजना में सभी आयु वर्ग के लोग अपनी क्षमता सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन की बेला है।
अनुभवी, संकल्पवान युवा राष्ट्र के नवनिर्माण में अपनी शक्ति लगायें, तो सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। इन दिनों गायत्री परिवार द्वारा विश्व भर में चलाये जा रहे गायत्री महापुरश्चरण जप एवं गायत्री मंत्र लेखन अभियान की विस्तृत जानकारी दी। डा. पण्ड्या ने युग निर्माण योजना व्याख्यान माला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। समापन से पूर्व कुलपति शरद पारधी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डा. पण्ड्या एवं भागवत एवं मंचासीन अतिथियों ने शांतिकुंज स्वर्ण जयंती वर्ष का लोगो, संस्कृति संचार के नवीन संस्करण का विमोचन किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा निर्धारित अनुशासनों का पालन करते हुए सम्पन्न हुआ।