24 Apr 2024, 05:06:28 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

आप की किसान महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा ने समर्थन देने से किया इंकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 4 2021 12:00AM | Updated Date: Apr 4 2021 12:01AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

जींद। आम आदमी पार्टी की जींद में कल होने वाली किसान महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा ने सर्मथन देने से इंकार किया है। किसान नेता सर्व जातीय खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला ने कहा कि खटकड़ टोल से कोई किसान इस महांपचायत में शामिल नहीं होगा। सभी दल अपने स्वार्थ के लिए किसान हितैषी होने का ढ़ोंग रच रहे हैं। 

ज्ञातव्य है कि आप के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने खटकड़ टोल पर निमंत्रण देने व भारी संख्या में किसानों के आने का दावा किया था। वहीं खटकड़ टोल पर लगातार किसानों को धरना 99वें दिन भी जारी रहा। शनिवार की सांकेतिक भूख हड़ताल पर मोहनगढ़ छापड़ा की शीला, धन्नो, रोशनी, मुन्नी, दरसो रही। 

आप पार्टी की कल होने वाली किसान महापंचायत को लेकर सर्व जातीय खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला ने कहा कि खटकड़ टोल से कोई किसान इस महांपचायत में शामिल नहीं होगा। खटकड़ टोल पर किसी भी नेता को माइक नहीं दिया जाता है। बद्दोवाला टोल पर चल रहे किसानों के धरने पर नेता मंच सांझा करते है। 

यहां जाकर भी किसान नेताओं से किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को माइक न देने का अनुरोध करेंगे। बरसोला ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीतिक पार्टी के नेता राजनीति न करें। इनेलो के नेता अभय सिंह चौटाला गांव-गांव हलके में जा रहे है। जो किसान है वो तो टोल, दिल्ली बॉर्डर पर धरनों पर बैठे है। चौटाला को चाहिए कि अगर वो किसानों के पक्ष में है तो टोल, दिल्ली बॉर्डर पर टैंट लगा कर बैठे। 

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के नेता भी किसानों के नाम पर पंचायत, कार्यक्रम न करें। खुद के कार्यक्रम करें लेकिन किसान के नाम पर कार्यक्रम न करें। जब ये लोग सत्ता से बाहर होते है तो इन्हें किसान याद आने लगते है। उन्होंने कहा कि अभय चौटाला को किसान मानते है लेकिन किसान रहें न कि किसानों के नाम पर राजनीतिक करें। राजनीति दौरे गांव में न करें। अभी चुनाव दूर है फिर गांव के दौरे कर लेना जब किसान आंदोलन खत्म हो जाए। ये पब्लिक है ये सब जानती है। कौन किसानों के साथ है कौन नहीं है। तीनों कानून रद्द करवा कर ही किसान घर जाएगा। 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »