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मिलिट्री जोन में बदला US कैपिटल हिल, बाइडन की शपथ से पहले लॉकडाउन का ऐलान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 19 2021 12:34AM | Updated Date: Jan 19 2021 12:36AM
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नई दिल्ली। अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और पहली महिला उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का शपथ ग्रहण कार्यक्रम 20 जनवरी को होने वाला है, लेकिन सोमवार की शाम को वॉशिंगटन में आग की छोटी सी घटना के चलते हड़कंप मच गया। आग लगने का ये मामला वॉशिंगटन डीसी के दक्षिण पूर्व में एफ स्ट्रीट पर हुई, हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने आग की घटना पर काबू पा लिया है। 

पीटीआई-भाषा के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि शपथ ग्रहण पूर्वाभ्यास से लोगों को वहां से कुछ दूरी पर आग के चलते हटाया गया और उन्हें नहीं लगता कि इसका कारण कोई खतरा है। बाइडन के शपथ ग्रहण से पहले अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी FBI ने हथियारबंद हिंसा की चेतावनी जारी की है और माना जा रहा है कि ट्रंप समर्थकों समेत गोरे चरमपंथी हिंसा फैला सकते हैं। लिहाजा, एहतियातन अमेरिका के 50 राज्यों और वॉशिंगटन डीसी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आवाजाही की मनाही है, लेकिन स्थानीय सुरक्षाकर्मियों ने कहा है कि पब्लिक को कोई खतरा नहीं है।

ANI के मुताबिक नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ लेने से पहले हिंसक प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए अमेरिकी कैपिटल हिल के पास आग की घटना के बाद सोमवार को अस्थायी लॉकडाउन लगा दिया गया है। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने कहा है कि आग की वजह से लॉकडाउन लगा है, लेकिन पब्लिक को कोई खतरा नहीं है। जो बाइडन के शपथ ग्रहण से पहले यूएस कैपिटल हिल और आसपास के इलाकों को मिलिट्री जोन में तब्दील कर दिया गया है।

वाशिंगटन में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर रक्षा अधिकारियों द्वारा और सैनिकों को भेजने की मांग के बाद बड़ी संख्या में सैनिक विभिन्न राज्यों से बसों और विमानों के जरिए शनिवार को ही राजधानी में आने लगे। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ लेने से पहले प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने राज्यों के गर्वनरों से नेशनल गार्ड के अधिकाधिक जवानों को भेजने की अपील की थी, जिससे कि शहर के ज्यादातर हिस्से में शपथ ग्रहण से पहले लॉकडाउन लगाया जा सके।

गौरतलब है कि छह जनवरी को अमेरिकी संसद भवन कैपिटल पर भीड़ ने हिंसक धावा बोला था। उसी घटना को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि हिंसक कट्टरपंथी समूह शहर को निशाना बना सकते हैं। सशस्त्र घुसपैठियों के आने और विस्फोटक उपकरण लगाने जैसी आशंका भी जताई गई है। वाशिंगटन में 25,000 से अधिक सैनिकों के आने का अनुमान है। लेकिन इसके साथ ही राज्यों के संसद भवनों में हिंसा की आशंका के संबंध में चिंता जताई जा रही है।

अधिकारियों के मुताबिक बीते 72 घंटों में कम से कम 7,000 सैनिक मैरीलैंड में ज्वाइंट बेस एंड्रूज पहुंचे। कई हजार सैनिक बसों और सेना के ट्रकों में सवार हैं और वाशिंगटन आ रहे हैं। सेना संबंधी मामलों के मंत्री रायन मैक्कर्थी ने गर्वनरों से मदद मांगी थी। एफबीआई ने भी सभी राज्यों के संसद भवनों में हिंसक हमलों की आशंका जताई है। रविवार को हमलों की आशंका के मद्देनजर सभी राज्यों की राजधानियों में हथियारों से लैस सैनिकों को तैनात किया गया है।

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