नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के दौरान अदालतों में डिजिटल माध्यम से सुनवाई जारी रहने के बीच सरकार वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए 1500 अतिरिक्त लाइसेंस खरीद रही है। उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में यह सुविधा प्रदान के लिए हो रही इस खरीद पर करीब नौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के कारण जिस दिन से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया उस समय से लेकर सितंबर के अंत तक देश के उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों ने 26 लाख से ज्यादा मामलों की सुनवाई डिजिटल माध्यम से की है।
मंत्रालय के न्याय विभाग के अनुसार, 24 मार्च से 31 सितंबर के बीच देश के 25 उच्च न्यायालयों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 68,8318 मुकदमों की सुनवाई की है। इस दौरान करीब 19,000 जिला अदालतों ने 19,33,492 मामलों की डिजिटल माध्यम से सुनवाई की है। उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों ने इस दौरान 26,21,810 मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस से की है।
मंत्रालय के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि सरकार अदालतों में सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के 1500 अतिरिक्त लाइसेंस खरीद रही है, जिसपर करीब नौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अधिकारियों ने बताया कि लंबे समय तक या कानूनी कार्यों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा का उपयोग करने के लिए ऐसे लाइसेंस की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित 'आत्मनिर्भर' ऐप चुनौती के दौरान कुछ वीडियो कॉन्फ्रेंस ऐप की संक्षिप्त सूची भी बनायी गयी है।