नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत के साथ संबंध बिगाड़ने की राह में एक और कदम उठाया है। भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित करने के एक महीने के बाद पाकिस्तान ने रविवार को राजनयिक जयंत खोबरागड़े को वीजा देने से इनकार कर दिया। जयंत खोबरागड़े को इस्लामाबाद में भारत की ओर से नियुक्त किया गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान के इस कदम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध फिर बिगड़ेगे।
अगस्त, 2019 को भारत सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करके दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हुए हैं। भारत ने जयंत खाबरागड़े की इस्लामाबाद में नियुक्ति को लेकर उनके नाम की घोषणा जून में ही कर दी थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक वीजा न जारी करने के पाकिस्तान के कदम के पीछे खोबरागड़े की वरिष्ठता भी जिम्मेदार है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान खोबरागड़े को राजनयिक के तौर पर काफी सीनियर मान रहा है। इसलिए वीजा नहीं दे रहा।
राजनयिक तौर पर पाकिस्तान इस पर कुछ नहीं कहा सकता कि भारत राजनयिक के पद पर किसको नियुक्त करे। भारत सरकार भी इस मामले में अब पाकिस्तान को जैसे को तैसा जवाब दे सकती है। जयंत खोबरागड़े 1995 बैच के आईएफस अफसर हैं। उन्होंने इससे पहले भी पाकिस्तान में काम किया है। वह इस समय परमाणु ऊर्जा विभाग में संयुक्त सचिव कि पद पर तैनात हैं। वह किर्गिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त रह चुके हैं। इसके बाद उन्होंने रूस, स्पेन और कजाखिस्तान में भारतीय मिशनों के लिए काम किया।
भारत ने हाल ही में पाकिस्तान को आतंकवाद के बड़े केंद्र रूप में दुनिया के सामने संयुक्त राष्ट्र में प्रदर्शित किया था। कहा गया था कि इस्लामाबाद से मानवाधिकारों पर व्याख्यान की जरूरत नहीं है। क्योंकि पाकिस्तान ने लगातार हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों सहित अपने जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया है।