मॉस्को। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक एंथनी फौसी ने रूस में विकसित की गई कोरोना वायरस वैक्सीन की सुरक्षा और इसके प्रभावी होने को लेकर संदेह व्यक्त किया है। रूस ने मंगलवार को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को पंजीकृत करने की घोषणा की। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टीके का समर्थन करते हुए कहा है कि यह सभी आवश्यक परीक्षणों को पूरा चुकी है और यह कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करने में सक्षम है।
फौसी ने बुधवार को नेशनल जियोग्राफिक द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि रूस द्वारा बनाया गए टीका सुरक्षित और प्रभावी होगा। उन्होंने कहा मुझे वैक्सीन को लेकर गंभीर संदेह है कि क्या उन्होंने ऐसा किया होगा।’’ उन्होंने कहा कि टीका बनाना और यह साबित करना कि टीका प्रभावी तथा सुरक्षित है दो अलग-अलग बातें है। रूस के मॉस्को स्थित गेमलिया रिसर्च इंस्टिट्यूट और रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से यह टीका विकसित किया है। अब तक कुल 76 स्वयंसेवकों पर इसका परीक्षण किया गया है। रूसी अधिकारियों को अगले 12 महीनों में 50 करोड़ वैक्सीन उत्पादन का अनुमान हैं।