नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदर पूनावाला का कहना है कि भारत के पास 2020 के अंत तक कोरोना वायरस का टीका होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश दवा फर्म एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन का अंतिम मूल्य दो महीने में पता चल जाएगी। पुणे स्थित दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता फर्म भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद साथ मिलकर भारत में जल्द ही वैक्सीन के परीक्षण शुरू करेगी।
उन्होंने कहा "हमारे पास इस साल के अंत तक कोरोना वायरस वैक्सीन होगी। पूनावाला ने एक इंटरव्यू में बताया "हम ICMR के साथ साझेदारी में कुछ हजार रोगियों पर भारत में परीक्षण करेंगे। इससे पहले पूनावाला ने कहा था कि कंपनी की योजना इस वर्ष के अंत तक 300 मिलियन से 400 मिलियन खुराक बनाने की है।
सीरम इंस्टिट्यूट ने पहले से ही भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल से कोरोना वायरस वैक्सीन के दो और तीन ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी प्राप्त कर ली थी। फर्म ने पहले कहा था कि पुणे और मुंबई में लगभग 5,000 लोगों को अगस्त के अंत तक इस परीक्षण के तहत में टीका लगाया जाएगा, यह ट्रायल दो महीने तक चलेगा। पिछले महीने केंद्र ने वैक्सीन के मानव परीक्षणों के तीसरे और अंतिम चरण के लिए देश भर में पांच स्थानों की पहचान की थी।
सरकार द्वारा चयनित पांच जगहें पलवल हरियाणा, पुणे में केईएम अस्पताल, हैदराबाद में सोसाइटी फॉर हेल्थ एलाइड रिसर्च, चेन्नई में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में INCLEN ट्रस्ट इंटरनेशनल थे। पहले पूनावाला ने कहा था कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में ऑक्सफोर्ड के टीके की कीमत अधिकतम 3 यूएस डॉलर (लगभग 225 रुपये) होगी।
द लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित परीक्षण परिणामों के अनुसार ऑक्सफोर्ड AZD1222 नामक ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की.यह प्रारंभिक चरण के क्लीनिकल ट्रायल में सुरक्षित साबित हुई थी। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ने 28 दिनों के भीतर एंटीबॉडी प्रतिक्रिया और 14 दिनों के भीतर एक टी-सेल प्रतिक्रिया दी।
पिछले हफ्ते सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत के लिए कोविद -19 वैक्सीन और भारत की निम्न और मध्यम आय वाले 100 मिलियन डोज तक के निर्माण और वितरण को गति देने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गेवी, के साथ एक समझौता किया।