नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते संबंधी मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते से इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा,‘‘क्षमा करिये, हम इस याचिका को सुनने के इच्छुक नहीं हैं।’’ याचिकाकर्ता शशांक शेखर झा ने दरअसल यह याचिका वर्ष 2008 में कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के साथ समझौते की जांच करने को लेकर दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय ने इन्कार कर दिया।
न्यायाधीश बोबडे ने हैरानगी जताते हुए कहा, ‘‘चीन की सरकार के साथ कोई राजनीतिक दल कैसे समझौता कर सकता है ? यह कानून के अधीन नहीं है।’’ याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा, ‘‘इस समझौते का उद्देश्य सही नहीं है और यह समझौता लोगों के समक्ष उजागर होना चाहिए।’’
उच्चतम न्यायालय ने हालांकि बाद में याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा जिसके बाद अर्जी वापस ले ली गयी। गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान की घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुयी झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे जिसके बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर इस मामले में पूरी तरह से विफल होने का आरोप लगाया था। कांग्रेस की तरफ से इस आलोचना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौता का मुद्दा उठाया था।