चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने दो तस्करों व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक सिपाही को गिरफ्तार करने के साथ सीमा पार से चल रहे नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के एक रैकेट का पर्दाफाश करने का आज दावा किया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता के यहां जारी बयान के अनुसार जालंधर पुलिस (ग्रामीण) ने 26 जुलाई को एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया था, जो दिल्ली से वरना कार में आ रहे थे। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनकी कार में से 25 ग्राम हेरोइन बरामद की। पूछताछ करने पर दोनों ने अपनी पहचान सुरमेल सिंह और गुरजंट सिंह के तौर पर बताई।
और पूछताछ के बाद पुलिस ने सुरमेल के पास से .30 बोर पिस्तौल समेत 5 ंिजदा कारतूस और 35 ग्राम हेरोइन बरामद की। जांच के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वह तरन तारन जिले के गांव नारली के रहने वाले तस्कर सतनाम सिंह उर्फ सत्ता के साथ काम करते थे, जोकि हेरोइन और हथियारों की तस्करी के लिए पाक आधारित तस्करों के साथ नजÞदीकी रूप से जुड़ा हुआ था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बीएसएफ का सिपाही राजेंद्र प्रसाद भी तस्करी रैकेट का हिस्सा था।
बीएसएफ कांस्टेबल तरन तारन जिले के गांव छीना में एक सरहदी चौकी में तैनात था। पुलिस के अनुसार उन्होंने बीएसएफ और राजस्थान में पुलिस बीएसएफ उच्चाधिकारियों से संपर्क किया और केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग भी लिया और 28 जुलाई को पंजाब पुलिस ने रावला मंडी स्थित अपने आवास पर छुट्टी काट रहे राजेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार राजेंद्र ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने मई में 17 किलोग्राम हेरोइन और 2 विदेशी पिस्तौल प्राप्त करने में गिरोह की मदद की।
इस बार फिर सतनाम सिंह ने राजेंद्र प्रसाद, सुरमेल सिंह और गुरजंट सिंह के साथ मिलकर अपने पाक आधारित हैंडलरों से हेरोइन और हथियारों की एक खेप लेनी थी। सतनाम सिंह उर्फ सत्ता ने इस खेप की रसीद और प्रबंधन के लिए राजेंद्र प्रसाद को 5 लाख रुपए और एक मोबाइल फोन पहले दिया था। डीजीपी ने बताया कि 24.5 लाख रुपए में से 15 लाख रुपए सतनाम सिंह के आवास से, 5 लाख रुपए बीएसएफ के कांस्टेबल से और 4.5 लाख रुपए गुरजंट सिंह के पास से बरामद किये गए हैं।
पुलिस के अनुसार तस्करी के दो मामलों में भगोड़ा अपराधी घोषित किये जाने के बाद सतनाम सिंह सत्ता मस्कट, ओमान फरार हो चुका है जिसके प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई की जा रही है। दिनकर गुप्ता ने बताया कि सत्ता ने गुरमीत सिंह के नाम पर जारी किये गए जाली पासपोर्ट और आधार कार्ड का प्रयोग किया था। पुलिस ने सत्ता की अनुचित साधनों से अर्जित जायदाद, जिसको उसने संधू कालोनी अमृतसर में अपने परिवार की रिश्तेदार मनिन्दर कौर के नाम पर नशा तस्करी के पैसों से खरीदी थी, को फ्रीज कर दिया गया है।