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सुशांत मामले में मुंबई पुलिस ने दिया सहयोग का भरोसा, सच आएगा सामने : डीजीपी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 2 2020 12:25AM | Updated Date: Aug 2 2020 12:26AM
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पटना। बिहार पुलिस ने आज स्पष्ट किया कि हिंदी फिल्मों के नवोदित सुपरस्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में पहले मुंबई पुलिस से सहयोग नहीं मिल रहा था, लेकिन अब सहयोग का भरोसा मिला है और पटना से गई टीम सच्चाई सामने लाकर ही रहेगी। बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने यहां शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पटना से गई पुलिस टीम मुंबई में ही कैंप कर रही है।
 
अब तक टीम ने सुशांत का खाना बनाने वाले अशोक, स्वीपर नीरज, बहन मितू सिंह और बहुत दिनों तक दोस्त रही अंकिता लोखंडे, उनका इलाज करने वाले डॉक्टर चावड़ा और बैंक कर्मियों से मामले के संबंध में तहकीकात की है। इस मामले में अभी और लोगों से पूछताछ की जाएगी। पांडेय ने कहा कि सुशांत के प्रशंसक सड़कों पर उतर आए हैं। उन्हें धैर्य और पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए। बिहार पुलिस सत्य को सामने लाकर ही रहेगी। सत्य सामने जरूर आएगा।
 
इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने पटना से गई पुलिस टीम के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की मीडिया में आई रिपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। कल जब पटना पुलिस की टीम क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) अकबर पठान से मुलाकात के बाद उनके कार्यालय से बाहर निकली तब मीडिया के लोग बड़ी संख्या में वहां जमा थे। मुंबई पुलिस उन्हें उनसे बचा कर अपनी गाड़ी में बैठा कर उन्हें सुरक्षित वहां पहुंचा दिया जहां वे रुके थे। उन्होंने कहा कि इसमें दुर्व्यवहार वाली कोई बात नहीं है लेकिन यह जरूर है कि मुंबई पुलिस यह नहीं चाहती थी कि पटना से गई पुलिस टीम मीडिया से बात करें।
 
इसके कारण ऐसा लगा कि दुर्व्यवहार हुआ है। पांडेय ने कहा कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनके पिता के. के. सिंह ने 25 जुलाई को पटना के राजीव नगर थाना में भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 341, 342, 306, 380, 406, 420 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस मामले में छह लोग नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं । प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 27 जुलाई को पटना से चार पुलिस अधिकारियों की टीम मुंबई रवाना कर दी गई।
 
27 जुलाई को मुंबई पहुंचते ही पुलिस टीम सबसे पहले सुशांत के अपार्टमेंट गई लेकिन वहां फ्लैट बंद था। टीम अपार्टमेंट का मुआयना करने के बाद जुहू में रहने वाली इस मामले की एक महत्वपूर्ण महिला अभियुक्त के घर गई लेकिन वह भी वहां नहीं मिली। डीजीपी ने कहा कि इसके बाद रात में ही पुलिस टीम सुशांत के मित्र महेश शेट्टी से मिली और उनसे कई महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई ।
 
इसके बाद दूसरे दिन टीम बांद्रा के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) से मिल कर उन्हें पटना में दर्ज हुई एफआईआर की कॉपी सौंप दी । बांद्रा के डीसीपी ने पटना से गई पुलिस टीम को सुझाव दिया कि वह क्राइम ब्रांच के डीसीपी से मिल लें । उन्होंने कहा कि इसके बाद 29 जुलाई को पटना से गई टीम क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान से मिलने सुबह उनके कार्यालय पहुंच गई लेकिन दोपहर 2:30 बजे तक इंतजार करने के बाद जब उनसे मुलाकात नहीं हुई तब टीम लौट गई। 
 
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