नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस कोविड-19 के पांच बायोरिपोजेटरी के नेटवर्क को आज लांच किया। बायोरिपोजेटरी जैव सामग्री का ऐसा भंडार होता है, जहां शोध के लिए बायोस्पेसिमेन को संग्रहित किया जाता है। डॉ हर्षवर्धन ने लांच के मौके पर कहा कि बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने रिकॉर्ड समय में पांच बायोरिपोजेटरी के इसे नेटवर्क को स्थापित किया है। ये बायोरिपोजेटरी नई दिल्ली, फरीदाबाद, बेंगलुरु, पुणे और ओडिशा में हैं।
इनमें 200 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों के रक्त, स्वाब, लार,मल और मूत्र के नमूने हैं। इन कोविड-19 बायोरिपोजिटरी में शोध के लिए क्लीनिकल नमूनों का इस्तेमाल होगा और वे इन नमूनों को अकादमी क्षेत्र के लोगों , उद्योग और वाणिज्यिक संस्थाओं के साथ साझा कर सकते हैं। इन बायोरिपोजेटरी में निष्क्रिय वायरस तथा क्लीनिकल नमूनों का संग्रह किया जायेगा। इससे स्वदेश निर्मित वैक्सीन , डायग्नॉस्टिक और उपचार पद्धति के विकास और शोध में मदद मिलेगी।
इससे अकादमी क्षेत्र से जुड़े भारतीयों, उद्योगों तथा वाणिज्यिक संस्थानों को कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रसार के रोकथाम, नियंत्रण और उपचार में भी सहायता मिलेगी। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के 1,000 जिनोम सिक्वेंस के पूरा होने की भी घोषणा की । जीनोम सिक्वेंस से वायरस की उत्पत्ति, इसकी दवा और वैक्सीन विकसित करने में मदद मिलेगी।