नई दिल्ली। वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज से संबंधित घोषणाओं को लागू करना शुरू कर दिया है। मंत्रालय ने आज यहां जारी बयान में कहा कि आर्थिक पैकेज के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा एवं निगरानी स्वयं वित्त मंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से की जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में इसकी समीक्षा की है। देश के एमएसएमई (सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम) को बड़ी राहत देते हुए व्यय विभाग ने सामान्य वित्तीय नियमों और वैश्विक निविदाओं से संबंधित जीएफआर नियमों में संशोधन किए गये हैं।
अब 200 करोड़ रुपये तक की निविदाओं के लिए कोई वैश्विक निविदा पूछताछ या ग्लोबल टेंडर इंक्वायरी (जीटीआई) तब तक आमंत्रित नहीं की जाएगी जब तक कि कैबिनेट सचिवालय से पूर्व अनुमोदन प्राप्त नहीं हो जाए। इसके साथ ही ठेकेदारों को राहत दी गयी है। वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि रेलवे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और सीपीडब्ल्यूडी जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियां अनुबंधात्मक या संविदात्मक दायित्वों को पूरा करने के लिए 6 माह तक का समय विस्तार देंगी, जिनमें ईपीसी और रियायत समझौतों से संबंधित दायित्व भी शामिल हैं।
लॉकडाउन के कारण हुए राजस्व नुकसान के चलते मौजूदा समय में भारी मुश्किलों का सामना कर रही राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति को आवश्यक सहारा देने के प्रयासों के तहत व्यय विभाग ने वर्ष 2020-21 में राज्यों की अनुमानित जीएसडीपी के 2 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त उधारी लेने के लिए सभी राज्य सरकारों को एक पत्र लिखा। हालांकि, इसके लिए विशिष्ट राज्य स्तरीय सुधारों को लागू करना होगा।