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भले ही मर गया हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे मगर खौफ अभी भी जिंदा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 11 2020 3:16PM | Updated Date: Jul 11 2020 3:17PM
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कानपुर। दो दशकों से अधिक समय तक उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर और आसपास के क्षेत्र में आतंक का साम्राज्य स्थापित रखने वाला दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भले ही अतीत बन चुका हो लेकिन बिकरू गांव में उसकी मौत के 30 घंटे बाद तक पसरा सन्नाटा इस बात की तस्दीक कर रहा है कि उसका खौफ आज भी गांव वालों के जहन में जिंदा है।
 
दो जुलाई की काली रात को विकास और उसके गुर्गो के घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला किया था जिसके बाद से ही गांव वालों को अंजानी मुसीबत का अहसास हो गया था। गांव में लगभग हर घर के दरवाजे उस दिन से ही बंद है। खेती किसानी का कामकाज ठप पड़ा है। सुरक्षाकर्मियों के बूटों की आवाज ही गांव के सन्नाटे को चीर रही है। ग्रामीण सिर्फ पुलिस अधिकारियों के सवालों का जवाब देने के लिये अपने घर के कपाट खोल रहे है हालांकि घर के अंदर टीवी स्क्रीनो पर उन्हे विकास और उसके गुर्गो की हश्र की पल पल की जानकारी मिल रही है। विकास के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भी गांव वालों ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी है।
 
गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल के साथ आरआरएफ भी तैनात कर दी गई है। पुलिस गांव की गलियों में घूम घूम कर मुनादी कर रही है कि दो तीन जुलाई की मध्य रात्रि को शहीद पुलिसकर्मियों के हथियार अपराधियों ने लूट लिए गए थे। अगर किसी ने वे हथियार छिपाये हैं तो बाहर निकल कर सूचित करें वरना कानूनी कार्रवाई के लिये तैयार रहें।
 
गांव में स्थानीय ग्रामीणों की जगह पुलिसकर्मी व मीडिया के लोग ही ज्यादा नजर आ रहे हैं। विकास की मौत के बाद पुलिस लूटे गए हथियारों की तलाशी भी तेजी से गांव के घर घर में करने की योजना बना रही है जिसके चलते गांव का हर व्यक्ति बात करने से भी अब कतरा रहा है। बिकरू गांव में सुरक्षा की दृष्टि से जहां लगभग 150  पुलिस के जवान के साथ एक बटालियन आरआरएफ के जवान भी नजर आ रहे हैं।
 
पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है वहीं विकास के गिरे हुये किलानुमा घर के बाहर पुलिस कर्मियों के साथ आरआरएफ ने भी घेराबंदी कर रखी है। पुलिस के जवान ग्रामीणों से बातचीत करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन दहशत के चलते लोग पुलिस वालों के सामने रोने लगते हैं और पुलिस वाले उन्हें समझाते हुए घटना के बारे में सही जानकारी देने के लिए कह रहे हैं पर अभी भी गांव वाले अपराधी विकास दुबे के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं।
 
 
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