19 Mar 2024, 16:54:40 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

राहुल गांधी से बोले बजाज, ‘मुसीबत से निकलने के लिए पैदा करनी होगी मांग’

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 4 2020 1:40PM | Updated Date: Jun 4 2020 1:41PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। प्रसिद्ध उद्योगपति एवं बजाज आटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा है कि उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी बोलते हैं, जनता उस पर भरोसा करती है इसलिए कोरोना के कारण बने भय के माहौल को दूर करने के लिए उन्हें सामने आकर लोगों में भरोसा जगाने के साथ ही देश को मुसीबत से बाहर निकालने के लिए मांग पैदा करनी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विचार विमर्श में बजाज ने गुरुवार को कहा कि सबसे बड़ा काम इस समय लोगों का मनोबल बढ़ाने का है और लोगों में पनपे भय के माहौल को दूर करने का है।

सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सबसे पहले लोगों में विश्वास पैदा करना है और मांग बढाने के उपाय करना है। उन्होंने कहा ‘‘मैं दृढ़ता से मानता हूं कि भारत जैसा बड़ा देश खुद को मुसीबत से नहीं बचा सकता। उसको मुसीबत से निकलना पड़ता है। हमें फिर से मांग पैदा करनी होगी। हमें कुछ ऐसा करना होगा जो लोगों के मूड को बदल दे। हमें मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है और मुझे समझ में नहीं आता कि कोई मजबूत पहल क्यों नहीं हो रही। भले ही यह छह महीने या साल भर के लिए हो लेकिन मांग को प्रोत्साहित करना है।’’

देश के वर्तमान माहौल में निवेश संबंधी आत्मविश्वास के संदर्भ में पूछे गय सवाल पर बजाज ने कहा ‘‘बिना उत्साह और आत्मविश्वास के कोई निवेश नहीं करता, इसमें तो कोई संदेह है नहीं। अब सवाल यह उठता है कि अगर हिंदुस्तान में 100 लोग बोलने से डरते हैं तो 90 के पास छिपाने के लिए कुछ है। हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षों में, मैं कहूंगा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) दो की सरकार के दौरान और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग-एक) के दौरान बहुत सारा सच बाहर आया है।

व्यवसायी भी दूध का धुला नहीं है। बहुत उदाहरण हमने देखे हैं और शायद इसीलिए बहुत सारे लोग नहीं बोलते हैं। इसके विपरीत कई लोग मेरे पिताजी (राहुल बजाज) की तरह बोलने का जोखिम नहीं उठा पाते हैं। यह भय हो सकता है लेकिन सवाल यह है कि क्या डर है। हो सकता है कि उन्हें कुछ छिपाने का डर हो।’’  उन्होंने कहा ‘‘सहिष्णु होने के मामले में, संवेदनशील होने के संदर्भ में, मुझे लगता है, भारत को कुछ चीजों को सुधारने की जरूरत है।

मुझे लगता है कि पहली समस्या लोगों के दिमाग से इस डर को बाहर निकालना है। इसके बारे में स्पष्ट बात होनी चाहिए। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री से कहूंगा क्योंकि, सही या गलत, जब भी वो कुछ कहते हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि लोग उनका अनुसरण करते हैं। मुझे लगता है कि उनको सामने आकर सभी को यह कहने की जरूरत है कि हम कैसे आगे बढ़ने वाले हैं, सब नियंत्रण में है, संक्रमण से डरो मत। 

 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »