नई दिल्ली। खांसी की दवा से कोरोना वायरस फैलने की जानकारी मिली है। दरअसल खांसी की दवा की वजह से कोरोना से संक्रमित मरीजों में वायरस और ज्यादा तेजी से फैल रहा है। हाल ही में साइंस मैगजीन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ खांसी की दवाओं के कारण कोरोना का संक्रमण शरीर में और तेजी से फैल सकता है। ऐसे में खांसी से पीड़ित कोरोना मरीजों के लिए यह शोध चिंता का विषय है।
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सैन- फ्रासिस्को स्कूल ऑफ फॉर्मेसी के रिसर्चर ब्रायन सोईसेट ने कहा कि जांच में पता चला है कि जिस खांसी की दवा यानी खफ सीरप में डेक्स्ट्रोमिथोर्फन रसायन है वो मरीजों में कोरोना वायरस को तेजी से फैलने में मदद करता है ये भी सच है कि हम इस दवा को पीने के लिए मना नहीं कर सकते है लेकिन जिन लोगों को कोरोना वायरस है वो लोग इस रसायन वाली दवा को न ले।
इसके आगे ब्रायन ने कहा कि हमने लैब में जो टेस्ट किया था। उसमें साफ देखा गया कि मंकी सेल यानी वीरो सेल पर डेक्स्ट्रोमिथोर्फन रसायन है, उसपर कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। इसी तरह अगर इंसान की शरीर पर इसे देखने लगे। तो मुसीबत और ज्यादा बढ़ जाएगी। हालांकि कोरोना वायरस के ऊपर इस रसायन का कितना असर होगा। इसकी अभी भी जांच करनी होगी।
ब्रायन ने कहा कि इंसानी फेफड़ों में पाई जाने वाली कोशिकाएं बहुत तेजी से प्रोटीन निकालती है। जिससे वायरस आकर्षित होता है। फेफड़े की कोशिकाओं की तरह मंकी सेल भी प्रोटीन निकालता है, इसपर पहले हमने वायरस ड़ाला। फिर उसके फैलने की गति देखी। इसके बाद डेक्स्ट्रोमिथोर्फन रसायन डाला तो देखा कि वायरस ज्यादा तेजी से फैल रहा है। बता दें कि मंकी सेल यानी अफ्रीका में पाए जाने वाले बंदरों की एक खास प्रजाति है। जिस पर प्रयोगशालाओं में हमेशा वायरस हमले और दवाओं का असर होता है।