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अक्टूबर तक मिल सकती है कोरोना की वैक्सीन, 6 वैक्सीन पर शुरू होगा प्री क्लीनिकल ट्रायल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 2 2020 3:43PM | Updated Date: Jun 2 2020 3:43PM
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नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ छिड़ी चौतरफा जंग में वैज्ञानिकों के मोर्चे से एक अच्छी खबर आई है। इसके तहत अक्टूबर तक देश को कोरोना की वैक्सीन मिल सकती है। इसका उपयोग कब से होगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगा। लेकिन यह साफ है कि अक्टूबर से देश में बन रही करीब 6 वैक्सीन प्री क्लीनिकल ट्रायल के चरण में पहुंच जाएंगी। इनमें 2 वैक्सीन ऐसी हैं, जिनका निर्माण सीएसआईआर और आईसीएमआर की लैब में किया जा रहा है। इसके साथ ही कोरोना के इलाज की दवाओं को लेकर भी तेजी से चल रहे ट्रायल का भी अगले कुछ ही महीनों में परिमाण सामने आ सकता है। फिलहाल इस ट्रायल में एचसीक्यू भी शामिल है।

कोरोना से निपटने के लिए वैज्ञानिक मोर्चे पर चल रहे कामों की प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन ने गुरुवार को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना की वैक्सीन बनाने के काम में 30 ग्रुप इस समय अलग-अलग फार्मा कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ जुटे हुए है। इनमें से करीब 28 का काम काफी अच्छा चल रहा है। इनमें से निजी क्षेत्र की 8 और सीएसआईआर और आईसीएमआर की लैब में तैयार की जा रही करीब 6 वैक्सीन का काम काफी आगे है। ऐसे में अक्टूबर तक निजी क्षेत्र की 4 और सीएसआईआर व आईसीएमआर लैब में बन रही दो वैक्सीन प्री क्लीनिकल ट्रायल में पहुंच जाएंगी। जबकि बाकी फरवरी तक इस चरण में पहुंचेगी।

डॉ. राघवन ने बताया कि वैक्सीन बनाने का यह काम 4 अलग-अलग तरीकों से किया जा रहा है। वैसे भी भारत दुनिया भर में वैक्सीन बनाने का एक हब है। उसके पास इस काम को तेजी से करने की पूरी क्षमता है, जो कर भी रहे है। इसके अलावा भी हम दुनिया के दूसरे देशों के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर में भी वैक्सीन को लेकर काम कर रहे है। इनमें कुछ जगहों पर हम खुद लीड कर रहे है, जबकि कुछ जगहों पर दूसरे देशों की अगुवाई में काम कर रहे है।

डॉ. राघवन ने ये भी बताया कि वैक्सीन तैयार करना एक कठिन प्रक्रिया है, बावजूद इसके देश में अच्छा काम चल रहा है। इसकी दवाओं के क्षेत्र में भी काम हो रहा है। इनमें दो तरीके से काम किया जा रहा है। पहला नई दवाओं का तैयार करने का है, जबकि दूसरा तरीका मौजूदा दवाओं को लेकर ही ट्रायल चल रहा है। इनमें एचसीक्यू भी है। इन सभी की स्टडी रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी।

 

जुलाई से हर दिन 5 लाख देशी टेस्टिंग किट होंगी तैयार

इधर नीति आयोग के सदस्य और कोरोना से निपटने के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने इस दौरान टेस्टिंग किट बनाने से जुड़ी जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि भारत अब टेस्टिंग किट बनाने में खुद सक्षम है। जुलाई से हर दिन हम देश में विकसित की गई 5 लाख टेस्टिंग किट तैयार करने में सक्षम होंगे। साथ ही घरेलू जरूरतों के पूरा होने पर हम इनका निर्यात भी करेंगे। बता दें कि अभी कोरोना की जांच के लिए टेस्टिंग किट दूसरे देशों से खरीदनी पड़ रही है। इस तरह देश ने पीपीई के मामले में भी बड़ी सफलता हासिल की है।

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