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कोरोना को लेकर पीएम मोदी का बड़ा बयान, कहा - लड़ाई कमजोर नहीं होने दें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 1 2020 12:16AM | Updated Date: Jun 1 2020 12:16AM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों का आह्वान किया कहा है कि कोराेना के खिलाफ लड़ाई अब भी गंभीर है और इसे किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं होने देना है। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से हर माह प्रसारित अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि हमें इस बात पर विशेष ध्यान देना है कि कोरोना की लड़ाई में कमजोर नहीं पड़ना है। यह लड़ाई अब भी गंभीर है और इसका खतरा लगातार चुनौतीपूर्ण बना हुआ है इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर मजबूती से डटे रहने की जरूरत है।
 
उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए जिन नियमों का पालन करते आए हैं, उनको जारी रखना है। इसके लिए अब भी नियमित रूप से समय-समय पर हाथ धोने हैं, मास्क पहनना है, दूसरे आदमी से दो गज की दूरी बनाए रखनी है, अपने आस पास सफाई रखनी है और कोरोना को हराने के लिए इन सब सावधानियों का वैसे ही पालन करते रहना है जैसे अभी तक करते आए हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा "हम सबको ये भी ध्यान रखना होगा कि इतनी कठिन तपस्या के बाद, इतनी कठिनाइयों के बाद देश ने जिस तरह हालात संभाला है, उसे बिगड़ने नहीं देना है। हमें इस लड़ाई को कमज़ोर नहीं होने देना है। हम लापरवाह हो जाएं या सावधानी छोड़ दें तो ये कोई विकल्प नहीं हैं। कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई अब भी उतनी ही गंभीर है। आपको, आपके परिवार को, कोरोना से अभी भी उतना ही गंभीर ख़तरा हो सकता है। हमें, हर इंसान की ज़िन्दगी को बचाना है अपने लिए, अपनों के लिए, अपने देश के लिए, ये सावधानी ज़रूरी हैं।"
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक मोर्चे पर सरकार के हाल में लिए गए फैसलों को सही दिशा में उठाये गये कदम करार देते हुए रविवार को कहा कि इनसे ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग-धंधे बढ़ेंगे और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अनेक ऐसी चुनौतियां उत्पन्न हुई है जिनका समाधान संभव है। यदि समय रहते यह कदम उठाए गए होते तो मजदूरों को बेहिसाब तकलीफ नहीं उठानी पड़ती। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में आर्थिक मोर्चे पर कई कदम उठाए हैं जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग-धंधे स्थापित होंगे और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सरकार के कदमों को सही करार दिया।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, "इस संकट की सबसे बड़ी चोट, अगर किसी पर पड़ी है, तो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा, शब्दों में नहीं कही जा सकती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं, उससे गाँवों में रोजगार, स्वरोजगार, लघु उद्योगों से जुड़ी विशाल संभावनाएँ खुली हैं।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से पर्यावरण दिवस पर प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता बनाने का संकल्प लेने की अपील करते हुए कहा है कि पर्यावरण का सीधा संबंध हमारे बच्चों के भविष्य से है, इसलिए पांच जून को प्रकृति को बचाने की तरफ कदम बढ़ाते हुए कुछ पेड़ अवश्य लगाएं।
मोदी ने कहा "कुछ दिन बाद ही पांच जून को पूरी दुनिया 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाएगी। पर्यावरण सीधे हमारे जीवन, हमारे बच्चों के भविष्य का विषय है, इसलिए हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी इसकी चिंता करनी होगी। मेरा आपसे अनुरोध है कि इस 'पर्यावरण दिवस' पर अवश्य कुछ पेड़ लगाएं और प्रकृति की सेवा के लिए कुछ ऐसा संकल्प अवश्य लें जिससे प्रकृति के साथ आपका हर दिन का रिश्ता बना रहे।"
 
उन्होंने कहा 'इस साल 'विश्व पर्यावरण दिवस' की विषय वस्तु जैव-विविधिता है। वर्तमान परिस्थितियों में यह विषय वस्तु विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। लॉकडाउन के दौरान पिछले कुछ हफ़्तों में जीवन की रफ़्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है, लेकिन इससे हमें अपने आसपास, प्रकृति की समृद्ध विविधता को, जैव-विविधता को, करीब से देखने का अवसर भी मिला है। आज कितने ही ऐसे पक्षी जो प्रदूषण और शोर-शराबे में ओझल हो गए थे, सालों बाद उनकी आवाज़ को लोग अपने घरों में सुन रहे हैं। अनेक जगहों से, जानवरों के उन्मुक्त विचरण की खबरें भी आ रही हैं।"
 
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