नई दिल्ली। वित्तीस स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) ने कोरोना वायरस के कारण विषम परिस्थितियों के मद्देनजर आर्थिक स्थिति की समीक्षा करते हुये कहा है कि यह महामारी वित्तीय तंत्र के लिए बहुत गंभीर चुनौती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एफएसडीसी की आज हुयी 22 वीं बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय, आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज, वित्तीय सेवाओं के सचिव देबाशिष पांडा, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश सहानी, कंपनी मामलों के सचिव इंजेति श्रीनिवास, मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्त वी सुब्रमण्यन, सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी, आईआरडीएआई के अध्यक्ष सुभाष चंद्र खुंटिया, पीएफआरडीए के अध्यक्ष सुप्रतिम बंदोपाध्याय , आईबीबीआई के अध्यक्ष एम एस साहू और वित्तीय नियातम और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कोरोना के कारण उत्पन्न वर्तमान वैश्विक और घरेलू वृहद आर्थिक सथिति , वित्तीय स्थिरता, बैंकों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों आदि पर चर्चा की गयी।
इसके साथ ही पूंजी बाजार में उतार चढ़ाव और पूंजी प्रवाह आदि के मुद्दों पर भी विचार किया गया। परिषद ने माना कि कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न संकट वैश्विक वित्तीय तंत्र में स्थिरता के लिए बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि वर्तमान स्थिति में इसका प्रभाव और समय पर रिवकरी प्रभावित हो सकता। हालांकि महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए मौद्रिक और वित्तीय स्तर पर पहल की गयी है जिससे अल्पकाल में निवेशधारणा में स्थिरता आ सकती है।
परिषद से सरकार से इस चुनौती पर लगातार निगरानी करने की आवश्यकता बतायी है और सभी नियामकों से वित्तीय स्थिति पर निगरानी किये जाने पर जोर दिया है। सरकार और नियामक का ध्यान वित्तीय बाजार में लंबे समय तक उतार चढ़ाव को नियंत्रित करने पर होना चाहिए। परिषद ने माना कि सरकार और नियामकों द्वारा हाल के महीने में लिये गये निर्णयों से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।