नैनीताल। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में सात माह की मासूम बच्ची की चोरी की गुत्थी को पुलिस ने सुलझाने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने इस प्रकरण में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसे आशा कार्यकर्ता के इशारे पर अंजाम दिया गया था।
ऊधमसिंह नगर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा ने पुलभट्टा थाने में इस घटना पर से पर्दा उठाते हुए बताया कि सात माह की मासूम की चोरी की वारदात में प्रमुख रूप से तीन लोग शामिल रहे हैं। घटना को अम्बेडकर नगर, पिपलिया निवासी अर्जुन गौतम एवं उसकी पत्नी रंजना गौतम के इशारे पर अंजाम दिया गया है। उन्होंने इस प्रकरण को अंजाम देने के लिये किच्छा के वार्ड नम्बर 12 निवासी अरमान उर्फ मुन्ने को भी शामिल किया था।
उन्होंने बताया कि घटना को अंजाम देने से पहले तीनों आरोपियों ने घटनास्थल की रेकी की। इसके बाद घटना के दिन सुबह तीनों एक पिकअप वाहन से किच्छा राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचे। पूर्व निर्धारित योजना के तहत अर्जुन और उसकी पत्नी ने घटना स्थल से कुछ दूरी पर वाहन को लेकर रूक गये जबकि अरमान को उन्होंने बच्ची को चोरी करने के लिये मौके पर भेज दिया। बच्ची को उसकी मां के बगल से उठाकर अरमान चंपत हो गया। सुबह जब बच्ची की मां की नींद खुली तो हडकंप मच गया। इसके बाद ऊधमसिंह नगर के पुलभट्टा पुलिस थाने में बच्ची चोरी की घटना की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।
श्री पींचा ने बताया कि इसके बाद अरमान ने बच्ची को दोनों पति-पत्नी को सौंप दिया और वे उसे अपने घर लेकर आ गये। इस दौरान दोनों पुलिस की गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। जब बच्ची चोरी की घटना समाचार पत्रों दिखाईदी तो दोनों बच्ची के साथ अपना ठिकाना बदलने की रणनीति बनाने लगे लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
आरोपी रंजना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किच्छा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। पुलिस को उससे चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे बच्ची को बेचना चाहते थे और उससे मोटी रकम लेना चाहते थे। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि बच्ची के माता पिता बेहद गरीब हैं और वे पुलिस कार्यवाही के पचड़े में नहीं पड़ेंगे।
पुलभट्टा थाना के प्रभारी विनोद जोशी ने बताया कि सभी आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया जायेगा और पुलिस रंजना को रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी। पुलिस उससे यह भी पता लगाने का प्रयास करेगी की कि उसने और कितनी घटनाओं को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि वाहन को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
इस पूरे प्रकरण में पुलिस को मुख्य राजमार्ग पर लगे सीसीटीवी से काफी मदद मिली है। पुलिस को सीसीटीवी की जांच में एक आदमी बच्चा ले जाते हुए दिखायी दिया लेकिन पुलिस को कई दिनों तक उसका सुराग नहीं लग पाया। आखिरकार पुलिस अरमान तक पहुंच गयी और उसको हिरातस में लेने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
गौरतलब है कि 20 मई की सुबह किच्छा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित झोपड़ी से राजा पुत्र रामप्रसाद की सात माह की मासूम बच्ची को उस समय चोरी कर लिया गया था जब वह मां के साथ सो रही थी। राजा नेशनल हाईवे पर उप्र के बदायूं स्थित बिसौली का रहने वाला है और पूर्णबंदी से पहले अपनी ससुराल आया था। तब से वह अपने परिवार के साथ यहीं फंसा रह गया और किच्छा राजमार्ग पर लोहार का काम करने लगा।