हर साल 24 मई को ब्रदर्स डे मनाया जाता है, इसी मौके पर हम यूपीएससी की टॉपर अनु कुमारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज अपने भाई के कारण ही इतने बड़े मुकाम पर हैं। अगर उनका भाई हिम्मत नहीं दिखाता और यूपीएससी का फॉर्म नहीं भरता तो शायद वह ये मुकाम कभी हासिल नहीं कर सकती थीं। अनु कुमारी ने यूपीएससी 2017 बैच में दूसरी रैंक हासिल की थी। यूपीएससी के लिए उनके भाई ने उन्हें प्रेरित किया था। अनु एक अच्छी कंपनी में नौकरी करती थी। जिसमें सैलरी भी काफी अच्छी थी। शादी होने के बाद वह फाइनेंशियली सिक्योर थीं। उनके जीवन में पैसों की कमी नहीं थी। लेकिन कुछ समय गुजर जाने के बाद उनके मन में ख्याल आया कि उन्हें कुछ और करना चाहिए।
नौकरी से पैसा तो आ रहा था, लेकिन नौकरी के डेली रूटीन से नीरसपन आ गया था। अनु को लगता था कि सारी जिंदगी एक्सल फाइल, प्रेजेंटेशन और बैक एंड वर्क करते ही गुजर जाएगी। अनु ये समझ चुकी थीं कि नौकरी से फाइनेंशियली जरूरतें पूरी हो रही हैं लेकिन वह आंतरिक रूप से संतुष्ट नहीं हैं। जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बनाया, जो आसान नहीं था। यूपीएससी की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षा में एक है। जिसे नौकरी के साथ पास करना मुश्किल है। अनु नौकरी छोड़ना चाहती थीं, लेकिन ये बात किसी से कह न सकीं। अनु की जिंदगी सेट थी। लेकिन नौकरी छोड़ना जिंदगी का बड़ा निर्णय था। क्योंकि नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करना आसान नहीं होता है।
वहीं इस परीक्षा को लेकर कोई श्योर भी नहीं हो सकता कि ये क्लियर होगी भी या नहीं। वो साल 2015 का था जब यूपीएससी का रिजल्ट आया। उस समय टीना डाबी ने इस परीक्षा में पहला स्थान हासिल कर टॉप किया था। टीना डाबी ने पहले ही प्रयास में परीक्षा में टॉप किया था। जिस दिन रिजल्ट आया था उस दिन अनु का छोटा भाई अखबार पढ़ रहा था। जिसके बाद भाई ने अनु से कहा, "मेरी बहन एक दिन यहां हो सकती है"। जिसके बाद भाई ने अनु से यूपीएससी की परीक्षा को लेकर बहुत बोलना शुरू किया। भाई अनु से बार- बार कहा "तुम परीक्षा दो", लेकिन अनु "पागल हो क्या, इतना टाइम हो गया है पढ़ाई छोड़े हुए" कहकर बात टाल दिया करती थी। लेकिन भाई ने अनु के भीतर की काबिलियत भाप ली थी।
उसने बहन को बिन बताए अनु का यूपीएससी का फॉर्म भर दिया। फॉर्म भरने के बाद वह अनु को रेगुलर प्रोत्साहित करने लगा कि "तू नौकरी छोड़ और तैयारी शुरू कर दे"। कुछ समय बाद अनु ने नौकरी छोड़ने का मन बना लिया और मामाजी के घर जाकर यूपीएससी की तैयारी करने लगी। अनु का एक बेटा भी है। उस दौरान बेटे से दूर रहकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की थी। भाई के अलावा उन्हें पति और परिवार वालों का सपोर्ट मिला। साल 2018 में यूपीएससी का रिजल्ट आया, जिसमें अनु ने दूसरी रैंक हासिल की थी। जाहिर है रिजल्ट जारी होने के अगले दिन अखबार में अनु की फोटो आई। जिसे देखकर भाई की खुशी का ठिकाना नहीं था।