नई दिल्ली। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि कोरोना महामारी की चुनौतियों के चलते लगभग पांच महीनों के बाद दस्तकारों-शिल्पकारों का सशक्तीकरण करने वाला ‘हुनर हाट’ सितम्बर से ‘लोकल से ग्लोबल’ थीम एवं पहले से ज्यादा दस्तकारों की भागीदारी के साथ शुरू किया जाएगा। नकवी ने शनिवार को यहाँ बताया कि पिछले पांच वर्षों में पांच लाख से ज्यादा भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले ‘हुनर हाट’ के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं।
देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका और बाजार देने वाला ‘हुनर हाट’ स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रामाणिक ब्रांड बन गया है। गौरतलब है कि इस साल फरवरी में इंडिया गेट पर आयोजित हुनर हाट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक पहुँच कर दस्तकारों-शिल्पकारों की हौसलाअफजाई की थी। मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी हुनर हाट के स्वदेशी उत्पादनों और दस्तकारों के काम की सराहना करते हुए कहा था, "कुछ दिन पहले, मैंने दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किये।
समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक, वाकई अनोखी ही थी और इनके पीछे, शिल्पकारों की साधना, लगन और अपने हुनर के प्रति प्रेम की कहानियाँ भी, बहुत ही, प्रेरणादायक होती हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा था, "हुनर हाट, कला के प्रदर्शन के लिए एक मंच तो है ही, साथ-ही-साथ, यह, लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है। एक जगह है जहां इस देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव ही है। शिल्पकला तो है ही है, साथ-साथ, हमारे खान-पान की विविधता भी है।
वहां एक ही लाइन में इडली-डोसा, छोले-भटूरे,दाल-बाटी, खमण-खांडवी, ना जाने क्या-क्या था। मैंने, खुद भी वहां बिहार के स्वादिष्ट लिट्टी-चोखे का आनन्द लिया, भरपूर आनंद लिया। भारत के हर हिस्से में ऐसे मेले, प्रदर्शनियों का आयोजन होता रहता है। भारत को जानने के लिए, भारत को अनुभव के लिए,जब भी मौका मिले, जरूर जाना चाहिए। नकवी ने बताया कि कोरोना के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में मिले समय का सदुपयोग कर दस्तकारों, कारीगरों ने अगले ‘हुनर हाट’ की उम्मीद में बड़ी तादाद में अपने हस्तनिर्मित दुर्लभ स्वदेशी सामग्री को तैयार किया है जिसे ये दस्तकार, कारीगर अगले प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए लाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हुनर हाट में सोशल डिस्टेसिंग, साफ-सफाई, सैनिटाईज़ेशन, मास्क आदि की विशेष व्यवस्था की जाएगी, साथ ही ‘जान भी जहान भी’ पवेलियन होगा जहाँ लोगो को ‘पैनिक नहीं प्रीकॉशन’ की थीम पर जागरूकता पैदा करने वाली जानकारी भी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अभी तक देश के विभिन्न भागों में दो दर्जन से अधिक हुनर हाट का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें लाखों दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों को रोजगार-रोजगार के अवसर मिले हैं।
आने वाले दिनों में चंडीगढ़,दिल्ली, प्रयागराज, भोपाल, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई, गुरुग्राम,बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, नागपुर, रायपुर,पुडुचेरी, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी,भुवनेश्वर, अजमेर, अहमदाबाद, इंदौर, रांची, लखनऊ आदि स्थानों पर हुनर हाट का आयोजन किया जायेगा। नकवी ने बताया कि इस बार के हुनर हाट का डिजिटल औरऑनलाइन प्रदर्शन भी होगा। साथ ही लोगों को हुनर हाट में प्रदर्शित सामान को ऑनलाइन खरीदने की भी सुविधा दी जाएगी।
हुनर हाट के दस्तकारों और उनके स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों को ‘जेम’ (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस) में रजिस्टर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके अलावा विभिन्न निर्यात कौंसिल दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार मुहैया कराने हेतु रूचि दिखा रही हैं। उन्होंने कहा कि पुन: शुरू होने जा रहे हुनर हाट से देश के लाखों स्वदेशी विरासत के उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों में उत्साह और खुशी का माहौल है।