नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि लोन लेने वाले अगले 12 महीनों तक नो डिफॉल्ट रहेंगे। आर्थिक पैकेज के आखिरी ऐलान में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि कोरोना संकट की वजह से MSME सेक्टर संकट में है और पिछले दो महीने से सभी तरह के काम-धंधे बंद हैं। इस वजह से लघु और मध्यम उद्योग को बैंकों से लिए कर्जों को देने में परेशानी हो रही है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार MSMEs को राहत देते हुए दिवालियापन कानून के नियमों में बदलाव करने जा रही है। दिवालियापन कानून की प्रक्रिया शुरू करने की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि IBC के सेक्शन 240A के तहत स्पेशल फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। एक साल तक दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेगी, जिससे कोरोना वायरस की वजह से हुए कर्ज डिफॉल्ट कैटेगरी में नहीं डाले जाएंगे। इससे MSME को बड़ी राहत मिलेगी। वित्तमंत्री ने आर्थिक पैकेज की 5वीं किस्त का ऐलान करते हुए कहा कि एक साल तक के लिए दिवालिया प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। कंपनी एक्ट में बदलाव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल CSR, बोर्ड रिपोर्ट की कमी, फाइलिंग में चूक को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है।