इटावा। लॉकडाउन में ढ़ील दिये जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश में इटावा के एक मात्र हैंडलूम उद्योग को अभी तक गति नहीं मिली है। उद्यमियों व औद्योगिक संगठनों के अनुसार वित्तमंत्री द्वारा पैकेज के बारे में तीन दिन से घोषणाएं की जा रही हैं लेकिन इसमें वस्त्र उद्योग के लिए कोई खास प्रावधान निकल कर नहीं आया है।
हैंडलूम उद्योग में कारोबार शुरू तो हो गया है लेकिन बेडसीट व वस्त्र उद्योग चलाने के लिए न रंग न धागा मिल रहा है और न ही तैयार माल के लिए मार्केट खुल रहा है। परिवहन की समस्या भी आडे आ रही है। हैंडलूम कारोबारी नवीन अग्रवाल ने शुक्रवार को यहां बताया कि 12 मई को प्रधानमंत्री द्वारा की गई आर्थिक घोषणा के बाद से वित्तमंत्री द्वारा अलग-अलग सेक्टरों को मिलने वाली सुविधाओं व प्रावधान के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। पैकेज में कालीन, ओडीओपी को सीधे सीधे लाभ पहुंचाने का उपाय नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि माल तैयार कराने के लिए रंग कानपुर से आता है तथा धागा मेरठ से मंगाया जाता है। तैयार माल दिल्ली, पानीपत, नोएडा व जयपुर जाता है। इन शहरों के बंद रहने तथा छोटे वाहनों का आवागमन न होने से कारोबार ठप पडा हुआ है। उनका कहना है कि सरकार को यातायात के नियमों में शिथिलता लानी चाहिए ताकि बुनकर अपनी रोजी-रोटी कमा सके।
प्रमुख कारोबारी फारुख अंसारी का कहना है कि लॉकडाउन के कारण तकरीबन दस हजार बुनकर माल की डिमांड न होने से खाली हाथ बैठे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इटावा शहर में दस हजार पावर लूम है। इसमें 25 हजार के करीब कामगार है। पूर्व में कारोबार यहां का कारोबारतकरीबन 30 करोड प्रति माह था। मई में एक करोड़ रूपये का कारोबार होने का अनुमान है। अप्रैल में कारोबार शून्य था।
उन्होंने कहा कि करोबारियो की मांगे है कि निर्यात ऋण को दो साल के लिए ब्याज मुक्त करें। ड्यूटी ड्रा बैंक की दर में पांच फीसद की वृद्धि हो जो वर्तमान समय में तीन फीसद है। लाइसेंस (एमईआईएस) का रेट पूर्व की भांति सात फीसद किया जाय। एमडीए ग्रांट को दो गुना किया जाए यानी सौ फीसद वृद्धि की मांग। फ्रेड (भाडा) में सब्सिडी दी जाए, (मुंबई के लिए पांच रुपये व दिल्ली के लिए तीन रुपये किलो के हिसाब से)।
जिला उधोग केंद्र के उपायुक्त सुधीर कुमार का कहना है कि भारत सरकार ने लघु उद्योगों के लिए जो पैकेज की घोषणा की है उससे कारोबारियों को राहत मिलेगी। कारोबारियों को शासन के निर्देश पर ऋण दिलाने की व्यवस्था की गई है। एक दिन में 15 कारोबारियों को 172.25 लाख का ऋण वितरित कराया गया है। कुछ दिनों में राहत मिल जाएगी।