नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरूवार को कहा कि शिक्षण संस्थानों को गुणवत्ता से समझौता किए बिना शिक्षा की लागत घटाने का प्रयास करना चाहिए जिससे ज्ञान और बुद्धिमत्ता को संपदा में बदला जा सके. गडकरी ने एक निजी शिक्षण संस्थान के समारोह को वीडियो के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए खुद की परिचालन लागत घटाना आवश्यक है .
लेकिन इसके लिए शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को आधुनिक जरूरतों के अनुरूप अपने ढांचे में बदलाव करना चाहिए. विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम आधुनिक समाज की समस्याओं का समाधान करने के लिए होना चाहिए. युवाओं को इस प्रकार शिक्षित किया जाना चाहिए कि वे चुनौतियों और समस्याओं को अवसरों में बदल सके। उन्होंने कहा कि इस समय युवाओं की क्षमता को विकसित करना आवश्यक है यह इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।
गडकरी ने कहा कि मौजूदा संकट से बाहर निकलने के लिए कठिन समय में सकारात्मक रवैया निरंतर अपनाया जाना चाहिए क्योंकि नकारात्मकता किसी के लिए भी लाभदायक नहीं है। उन्होंने कहा कि जापान सरकार ने चीन से जापानी निवेश को बाहर करने और अन्यत्र जाने के लिए अपने उद्योगों को विशेष पैकेज की पेशकश की है , उन्होंने सलाह दी कि यह भारत के लिए एक अच्छा अवसर है जिसको लपक लेना चाहिए। हरित एक्सप्रेस राजमार्ग परियोजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नई दिल्ली-मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो चुका है जो ग्रामीण , जनजातीय और पिछड़े इलाकों से होकर गुजरता है।
उन्होंने कहा कि यह उद्योग के लिए सुनहरा अवसर है कि वे भविष्य में औद्योगिक समूहों , ग्रामीण , जनजातीय और कम विकसित क्षेत्रों से गुजरने वाले रास्ते में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से सुसज्जित लॉजिस्टिक्स पार्कों में निवेश करे। मेट्रो और बड़े शहरों से उद्योगों के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता को बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के ग्रामीण , आदिवासी और पिछड़े इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि निर्यात में वृद्धि पर विशेष ध्यान देना समय की मांग है और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए बिजली लागत , रसद लागत और उत्पादन लागत को कम करने के लिए आवश्यक तरीकों को अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैप नीति के माध्यम से उत्पादन लागत को कम किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने उल्लेख किया कि विदेशी आयात के बदले घरेलू उत्पादन को स्थापित करने के लिए आयात के विकल्प पर भी ध्यान देने की जरूरत है।