गुरुग्राम। लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए हजारों प्रवासी मजदूर अपने घरों के लिए लौट रहे हैं। लॉकडाउन की स्थिति में शहर से ज्यादा अपना गांव सुरक्षित दिखाई दे रहा है, यही वजह है लोगों ने, जहां हैं वहीं रुकने की चेतावनी के बावजूद, अपने घरों की ओर पलायन करना बंद नहीं किया है। शहर में कामधंधा बंद होने से दो जून की रोटी का प्रबंध मुश्किल हो गया है। लिहाजा लोगों को अपना गांव ही ज्यादा सुरक्षित लग रहा है।
सवारी के सब साधन बंद हैं, जिसकी वजह से हजारों लोग पैदल ही अपने गांव की ओर चल पड़े हैं। कई लोग भूखे-प्यासे सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके अपने गांव पहुंच गए हैं। इंसानियत को जिंदा रखने वाले अनेक लोग रास्ते में प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हैं। लोग खाना खिलाने के साथ हरसंभव सेवा मुहैया कराते हैं। इसी कड़ी में एक नाम हरियाणा पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल कृष्णकांत का भी हैं, जिन्होंने मुसीबत में फंसे मजदूरों की सेवा का व्रत लिया है।
मजदूरों की परेशानी को देखकर हेड कांस्टेबल कृष्णकांत ने गुरुग्राम में मजदूरों को खाना खिलाने का काम शुरू किया। लॉकडाउन होने के कारण मजदूर पिछले 5 दिनों से भूखे प्यासे अपने गांव के लिए निकल रहे थे। इसे देखकर हेड कॉन्स्टेबल ने अपने घर पर कुक लगाया और 200 लोगों का खाना बनवाया। खाना पैक करके वह उन सड़कों पर निकल पड़े, जहां से मजदूरों का जत्था अपने-अपने गांव के लिए निकला था। कॉन्स्टेबल ने सभी मजदूरों को खाना खिलाकर उनकी भूख शांत की। खाना खिलाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया।