बुलडाणा/नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पानी के संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाए जा रहे उनके ‘बुलडाणा पैटर्न’ के कारण 283 गांव में पानी का संकट खत्म हो गया है। गडकरी ने गुरुवार को बुलडाणा से लौटे पत्रकारों को दिल्ली में अपने आवास पर संबोधित करते हुए कहा कि बुलडाणा में उन्होंने 12 परियोजनाओं पर इस तरह से काम शुरू किया जिससे किसान की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया और ना ही किसी गांव में लोगों का विस्थापन हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ राजमार्ग निर्माण के लिए तालाबों का विस्तार किया और उनकी पानी की क्षमता में इजाफा किया है। इससे क्षेत्र में लोगों को पर्याप्त पानी मिल रहा है और किसान खुशहाल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस प्रयोग से 900 करोड़ रुपए का काम फ्री में पूरा हुआ है और गांव के लोगों को पानी उपलब्ध हो सका है।
गांव के तालाबों में अब मार्च अप्रैल में पर्याप्त पानी है जिससे लोगों को खेती तथा पशुपालन के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि विदर्भ में दस हजार किसानों ने आत्महत्या की है लेकिन उन्हें विश्वास है कि जिस पैटर्न को उन्होंने अपनाया है उससे किसानों में आत्महत्या रुकेगी और किसान खुशहाल होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके इस प्रयोग से 10 हजार हेक्टेयर जमीन को पानी उपलब्ध हो सका है। इस काम में अब टाटा, बजाज जैसे उद्योगपतियों के साथ ही ओएनजीसी ने भी सहयोग देना शुरू किया है। इससे गांवों में लोगों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा, तालाबों को तलाशा जा रहा है और इसके लिए उनकी विशेषज्ञों की एक टीम अलग से काम कर रही है। बुलडाणा क्षेत्र के चिखली तथा खम गांव के किसानों ने वहां गये पत्रकारों से दावा किया कि पिछले एक डेढ़ साल के दौरान उनके गांवों में किसानों ने आत्महत्या नहीं की है। वे अपने खेतों से साल में दो बार फसल ले रहे हैं जबकि पहले एक फसल लेना भी कठिन हो जाता था। पशु पालक किसानों का कहना है कि उनके पशुओं की संख्या बढ़नी शुरू हो गयी है। पहले इस मौसम में उन्हें अपने पशुधन पानी के संकट के कारण घाटे में बेचने पडते थे और लेकिन अब यह संकट नहीं है।