लखनऊ। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि पार्टी बदले की कार्रवाई को उचित नहीं मानती है और न्यायिक प्रणाली पर भरोसा करती है। उन्होंने कहा कि रागद्वेष से सरकारें काम नहीं कर सकती हैं। पार्टी अदालत पर विश्वास है कि वहां से सभी को न्याय मिलेगा। सरकार का यह संवैधानिक दायित्व है कि बिना भेदभाव के सबके साथ न्याय करे। यादव ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भाजपा सरकार ने जनता के विश्वास को बुरी तरह आहत किया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था तो पूरी तरह चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि करीब तीन साल के अपने शासन में भाजपा ने गांव-किसान और युवाओं की घोर उपेक्षा की है। भाजपा की न/न तो किसानों और गांवों के विकास में रूचि है और नहीं नौजवानों को रोटी-रोजगार देने की उसकी नीयत रही है। महज तुकबंदी में भाजपा सरकार ने अपने तीन साल निकाल लिए हैं।
इससे किसी का पेट भरने वाला नहीं है। भाजपा का ‘विजन‘ नाश करने वाला है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री दावे चाहे जितने करें हकीकत में उनका एक भी दावा कसौटी पर खरा उतरने वाला नहीं है। आज किसानों की हालत बहुत खराब है। दुगनी आय तो मृग मरीचिका है ही, भाजपा राज में किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की सामान्य घटना हो गई है। नौजवानों के लिए रोजगार नहीं है। युवा पीढ़ी के सपनों को चकनाचूर करने में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। युवाओं की ऊर्जा और क्षमता को कुंठित करने की पूरी साजिश है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि कानून व्यवस्था पर नियंत्रण के मुख्यमंत्री के दावों का अब कोई विश्वास नहीं करता है। देश-प्रदेश में डबल इंजन सरकार पूरी तरह ठप्प है। महिलाओं का उत्पीड़न एवं बच्चियों से बलात्कार पूरी भारतीय संस्कृति के लिए अभिशाप है। जनता को उलझाए रखने के लिए आंकड़ों का खेल तमाशा दिखाने में भाजपा नेता दक्ष है। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने विरोध को प्रकट करने का अधिकार सभी को होता है। विकास में पक्षपात नहीं हो सकता है। विकास को रोकना और समाज को पीछे की ओर ले जाना राजनीतिक पाप है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव ही विकास का रास्ता खोलता है।