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सीएए के विरोध के नाम पर देश तोड़ने की साजिश : भाजपा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 21 2020 3:32PM | Updated Date: Feb 21 2020 3:32PM
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग एवं देश के कई अन्य स्थानों पर जारी विरोध प्रदर्शनों को देश में घृणा की राजनीति फैला कर देश को तोड़ने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सीएए के विरोध के नाम पर तथाकथित विरोध प्रदर्शन के बहाने घृणा की राजनीति फैलायी जा रही है जिसके झंडाबरदार ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी हैं। डॉ. पात्रा ने कहा कि ओवैसी के मंच पर कल पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाये गये तो उन्होंने तुरंत माइक छीन लिया लेकिन उनकी पार्टी के प्रवक्ता एवं कद्दावर नेता वारिस पठान ने 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ वाला बयान और 15 मिनट तक जहरीला भाषण दिया तो ओवैसी ने उनका माइक नहीं छीना। 

उन्होंने कहा कि जब मंच के पीछे पाकिस्तान को ऑक्सीजन दी जाती है और मंच के आगे संविधान एवं तिरंगा लहराने का नाटक किया जाता है तो कभी कभी सच सामने आ ही जाता है। उन्होंने कहा कि वारिस पठान ने कहा कि हम छीन कर लेंगे आजादी। ओवैसी बतायें कि आखिर यह कौन सी आजादी है जो उच्चतम न्यायालय से भी नहीं मिल पा रही है। उन्हें बताना चाहिए कि आखिर उन्हें कौन सी आजादी चाहिए। पठान ने यह भी कहा कि शाहीन बाग की शेरनियां उतरीं हैं तो हालत खराब है, जब ‘हम’ उतरेंगे तो क्या होगा। इससे साफ हो गया है कि वे महिलाओं को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। 

डॉ. पात्रा ने कहा कि ओवैसी के छोटे भाई का कहना है कि हमने 800 साल तक हिन्दुस्तान पर हुकूमत की है। मुसलमानों ने देश को लालकिला, कुतुबमीनार और ताजमहल दिया है। वह कहते हैं कि 15 लोग 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगें। ओवैसी के छोटे भाई  अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि 15 मिनट पुलिस हटा ली जाये तो देखो हम  हिन्दुओं का क्या करते हैं। इससे 16 अगस्त 1946 का मोहम्मद अजी जिन्ना का डायरेक्ट एक्शन का आव्हान याद आता है जब कोलकाता में एक हफ्ते तक हिन्दुओं का खून खराबा किया गया था। 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वारिस पठान के बयान पर किसी भी सेक्युलर राजनीतिक दल का या तथाकथित बुद्धिजीवियों का एक भी बयान नहीं आया है। किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया है।  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष फैजुल हसन और शर्जील इमाम के बयानों को देखा जाये तो वे कहते हैं कि हमारी कौम की लड़ाई में देश को बरबाद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक संयोग नहीं बल्कि साजिश है। देश के लोगों को सोचना है कि इनका क्या किया जाये। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा एक सभा में स्वास्थ्यकर्मियों को जबरन नसबंदी करने के निर्देश देने संबंधी वीडियो आने पर कहा कि कमलनाथ को आपातकाल के दौरान जबरन नसबंदी कराने और 1984 में सिखों के जनसंहार का अनुभव है। 

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