नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पर्यावरण,वन्य जीव तथा वन भूमि संरक्षण के लिए असाधारण योगदान दिया और उनके काम को आगे बढ़ाने के वास्ते निरंतर काम किया जाएगा। गांधी ने यह बात मंगलवार को यहां सेंटर फार सांइस एंड एन्वायरोमेंट’ को वर्ष 2018 के प्रतिष्ठित ‘इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण तथा विकास’ पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कही। समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह संस्थान पूर्व प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुकूल पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 1971 में जब देश के पूर्वी हिस्से में पाकिस्तान के कारण संकट खडा हुआ था उस संकटपूर्ण माहौल में भी उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के लिए अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बाध परियोजना शुरू की जिसने बाघों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि गांधी एक मात्र विदेशी राष्ट्र प्रमुख थी जिन्होंने जून 1972 में पहले मानवीय प्रदूषण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि गांधी जल, जंगल, वन्य जीव और पर्यावरण के संरक्षण के लिए चिंतित रहती थीं इसलिए उन्होंने वन संरक्षण विधेयक लेकर आयी। अंसारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने स्टाकहोम में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जो विजन दिया था उसी सोच के तहत दुनिया आज आगे बढ रही है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उनकी सोच को आगे बढाने के लिए दशकों से दिया जा रहा है और उम्मीद जताई कि आगे भी इसी तरह के व्यक्तियों तथा संस्थानों को सम्मानित किया जाता रहेगा। सेंटर फार एन्वायरोमेंट की सुनीता नारायण ने हामिद अंसारी से पुरस्कार लेने के बाद कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की जो स्थिति है उसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यहां की जमीन उसके बड़े हिस्से पर सड़कों का जाल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।