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एनआरसी के विरोध में ममता ने की रैली, भाजपा पर फिर निशाना

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 12 2019 9:46PM | Updated Date: Sep 12 2019 9:46PM
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कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से 19 लाख लोगों को निकाले जाने के विरोध में गुरुवार को यहां रैली कर भारतीय जनता पार्टी को एनआरसी के नाम पर ‘आग से नहीं खेलने’ की चेतावनी दी। असम में एनआरसी के विरोध में आयोजित रैली को संबोधित करती हुयीं सुबनर्जी ने भाजपा को राज्य में एनआरसी के नाम पर किसी भी व्यक्ति को छूने की भी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि भाजपा की इतनी औकात नहीं है कि वह असम में एक भी व्यक्ति को एनआरसी के नाम पर छू भी सके। तृणमूल प्रमुख ने अपने पार्टी सहयोगियों के साथ सिंथी मोर से अपराह्न तीन बजे रैली शुरू की।
 
रैली बाद में पांच किलोमीटर आगे श्यामबाजार में सभा में बदल गयी। सुबनर्जी ने खुद ही पार्टी और राज्य सरकार की ओर से रैली का नेतृत्व किया था। रैली में पार्टी के अधिकांश निर्वाचित नेता तथा पार्टी के पदाधिकारी भी शामिल थे। सुबनर्जी लोगों को संबोधित करते हुए किसी भी कीमत पर असम में एनआरसी नहीं लागू होने देने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की किसी भी साजिश के खिलाफ संघर्ष करेगी। गत सप्ताह बंगाल विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर राज्य में एनआरसी को लागू करने का पूरजोर विरोध जताया गया था।
 
बनर्जी हमेशा से ही कहती रही है,‘‘एनआरसी केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा कुछ नहीं है।’’ असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे के प्रकाशित होने के बाद, बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘एनआरसी फियास्को ने उन सभी को बेनकाब कर दिया है जिन्होंने राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की। उनके पास राष्ट्र को जवाब देने के लिए बहुत कुछ है। ऐसा तब होता है जब समाज के हित और राष्ट्र के बड़े हित के बजाय किसी कार्य को एक उल्टे मकसद से निर्देशित किया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दिल उन सभी के लिए है, विशेष रूप से बड़ी संख्या में बंगाली भाषी भाइयों और बहनों, जो इस ढ़िलाई वाली इस प्रक्रिया के शिकार हैं।’’ इससे पहले भी, तृणमूल कांग्रेस ने एनआरसी और भाजपा की ‘विभाजनकारी’ राजनीति के खिलाफ राज्य के विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर रैलियों और सड़क के किनारे बैठकों का आयोजन किया।
 
ये विरोध प्रदर्शन सात और आठ सितंबर को किया गया था। राज्य के विभिन्न जिलों से पोस्टरों और तख्तियां लेकर रैली में पहुंचे तृणमूल समर्थकों ने भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और असम में एनआरसी को तत्काल निरस्त करने की मांग की। पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा,‘‘ कल और आज राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बंगाल में एनआरसी की अनुमति नहीं देने की कसम खाई है। स्थानीय लोगों ने भी इसमें हिस्सा लिया। ’’ पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री तपन दासगुप्ता ने कहा, ‘‘ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कसम खाई है कि वे अपने जीवन का बलिदान कर सकते हैं लेकिन बंगाल के विभाजन की अनुमति नहीं देंगे।’’
 
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