उत्तर प्रदेश के बरेली में रामगंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 300 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि, बरेली में अभी तक बरसात ज्यादा नहीं हुई है लेकिन पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से रामगंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. पहाड़ों पर बने डैम से रुक-रुककर पानी छोड़ा जा रहा है.
बरेली में सदर, मीरगंज ,आंवला, नबाबगंज, फरीदपुर तहसील के रामगंगा किनारे बसे 300 गांव ऐसे हैं जिन पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. डीएम नीतीश कुमार का कहना है कि 48 बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. इसके अलावा रामगंगा पर बढ़ने वाले जलस्तर पर भी नजर रखी जा रही है. सभी संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है. डीएम का कहना है अभी रामगंगा में भी जलस्तर ज्यादा नहीं बढ़ा है लेकिन अगर पानी ज्यादा बढ़ता है तो हमारी तैयारी पूरी है.
बाढ़ खंड नियंत्रण कक्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक जून से अब तक 410 .6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. जबकि पिछले साल 21 जुलाई 2020 को 24 घंटे में 30.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी. एक जून 2020 से 21 जुलाई तक 240.4 मिलीमीटर बारिश होना रिकॉर्ड में दर्ज है. इससे माना जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारिश 160 मिलीमीटर अधिक अभी तक ही हो चुकी है.
गौरतलब है कि, बरेली जिले में 2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने जमकर तबाही मचाई थी. फरीदपुर, आंवला और मीरगंज तहसील के कई गांवों में स्थिति काफी भयावाह हो गई थी. शहर में भी रामगंगा का पानी घुस गया था. वर्तमान हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित 300 गांवों में 48 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है.
बरेली जिला प्रशासन की मानें तो जिले की सदर तहसील के 73 संवेदनशील और 13 अतिसंवेदनशील, बहेड़ी तहसील के 76 संवेदनशील और 14 अतिसंवेदनशील, आंवला तहसील के 8 संवेदनशील, नवाबगंज तहसील के 46 संवेदनशील और 16 अतिसंवेदनशील, फरीदपुर तहसील के 54 संवेदनशील और 27 अतिसंवेदनशील और मीरगंज तहसील के 115 संवेदनशील और 22 अतिसंवेदनशील स्थान पहले से ही चिन्हित हैं.