भोपाल। कांग्रेस की सरकार बनने पर जम्मू-कश्मीर में Article-370 को बहाल करने पर विचार करने के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेसी भी खफा हैं। MP में कांग्रेस के नेताओं ने इस पर जवाब देने से बचने की रणनीति अपनाई है। मीडिया की ओर से सवाल पूछे जाने पर वे इस बयान को दिग्विजय सिंह का व्यक्तिगत बयान कहकर दूरी बना रहे हैं। इस मामले में पार्टी नेताओं ने BJP नेताओं के आरोपों का उन आक्रामक तेवरों के साथ प्रतिकार नहीं किया है, जैसा वो अक्सर करते हैं। दिग्विजय सिंह ने क्लबहाउस चैट में कहा था कि उनकी सरकार बनने पर जम्मू-कश्मीर में Article-370 को फिर से लागू करने पर विचार किया जाएगा। इसके बाद से मध्य प्रदेश की सियायत गर्म है और BJP नेता हमलावर हैं। वे दिग्विजय के इस बयान को राष्ट्रविरोधी की श्रेणी में रखकर हमला कर रहे हैं।
कांग्रेसी नेता इस मामले में बैकफुट पर हैं और अपनी ओर से इसके बचाव में बयान जारी नहीं कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने माना है कि यह बयान कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाला है। भारतीय जनमानस को ध्यान में रखते हुए ऐसे बयानों से बचना चाहिए, जिनसे विवाद हो। ऐसे बयान बहुसंख्यकों के विरोध के तौर पर दर्ज किए जाते हैं और पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पार्टी नेताओं का यह भी मानना है कि दिग्विजय का बयान पार्टी लाइन से हटकर है और उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगे।
दिग्विजय सिंह के बयान पर उनके भाई और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर में Article-370 को फिर से लागू करना संभव नहीं है। लक्ष्मण सिंह के ट्वीट ने बैकफुट पर आई कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस नेता सवाल पूछने पर भी आधिकारिक बयान नहीं देने का आग्रह कर रहे हैं। जो बात कर भी रहे हैं, वे दिग्विजय के बयान को सही या गलत ठहराने की जगह भाजपा की आइटी सेल पर आरोप मढ़कर मूल चर्चा से दूर हट रहे हैं।
MP कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में Article-370 को फिर से लागू करने का पार्टी ने कोई निर्णय नहीं लिया है। दिग्विजय सिंह ने भी इस पर विचार करने की बात कही। हालांकि यह लाइन भी पार्टी का विचार नहीं है। यह उनका व्यक्तिगत विचार है। दिग्विजय ने बयान क्लबहाउस चैट के दौरान दिया था। क्लबहाउस ऑडियो चैट एक एप है। यह पहले आइफोन पर ही उपलब्ध था। अब एंड्रायड फोन पर भी इसकी सुविधा है। एप के जरिये लोगों को आमंत्रित किया जाता है, इसके बाद ही कोई व्यक्ति इसमें चर्चा के लिए शामिल हो सकता है। इसमें फोटो, वीडियो या टैक्स्ट मैसेज साझा नहीं किए जा सकते हैं। इसमें सिर्फ ऑडियो का उपयोग हो सकता है।