न्यूयार्क। भारत ने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के सभी प्रारूपों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने का आह्वन करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों और इसके सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ‘अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में सुरक्षा परिषद की भूमिका’ विषय पर सुरक्षा परिषद में आयोजित एक चर्चा के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त देशों में हिंसा पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाने की दिशा में काम करना चाहिए और अब समय आ गया है जब सुरक्षा परिषद खुलकर स्पष्ट रूप से आतंकवादी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई करे। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान में शांति स्थापित करना आज के समय में सभी के लिए एक अहम मुद्दा है विशेष रूप से सुरक्षा परिषद के लिए। अफगानिस्तान में शांति कायम कर सभी को एक अच्छा संदेश दिया जा सकता है।
अब समय आ गया है जबकि सुरक्षा परिषद खुलकर स्पष्ट रूप से आतंकवादी ताकतों और इनके सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई करे।’’ भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि संकटग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम लागू किया जाना चाहिए। अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए डूरंड रेखा से आतंकवादी गतिविधियां संचालित न हों। शांति प्रक्रिया और हिंसा साथ-साथ नहीं चल सकतीं। दरअसल, डूरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा है।
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान में स्थायी रूप से शांति स्थापित करने के लिए हमें डूरंड रेखा के दोनों ओर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना होगा।’’ कतर में तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता के बावजूद अफगानिस्तान में लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान में निर्दोष लोगों और शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाकर हमले किए जा रहे हैं। इस हिंसा में महिलाएं और बच्चे भी मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और सुरक्षा परिषद को ऐसी ताकतों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए।