नई दिल्ली। एन के सिंह की अध्यक्षता वाले 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट नौ नवंबर को राष्ट्रपति को सौंपी जायेगी और नवंबर माह में ही इसकी एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी प्रस्तुत की जायेगी। वित्त मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी कि 15वें वित्त आयोग ने वित्तवर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2025-2026 की रिपोर्ट पर विचार विमर्श पूरा कर लिया है। इस रिपोर्ट पर 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह और आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, प्रोफेसर अनूप सिंह, डॉ. अशोक लाहिड़ी तथा डॉ. रमेश चंद्र ने हस्ताक्षर किये हैं।
आयोग ने राष्ट्रपति से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था। राष्ट्रपति कार्यालय ने नौ नवंबर को रिपोर्ट पेश करने की तारीख दी है। आयोग को अगले महीने के अंत तक मोदी के समक्ष भी रिपोर्ट की एक प्रति प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट को केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में कार्रवाई सम्मत रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। इस रिपोर्ट में पांच वित्त वर्ष यानी 2021-22 से लेकर 2025-26 तक से संबंधित सिफारिशें शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट, दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति को प्रस्तुत की गई थी, जिसे सरकार द्वारा संसद पटल पर कार्रवाई सम्मत रिपोर्ट के साथ रखा गया था। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 280 के खंड (1) के तहत 15वें वित्त आयोग का गठन किया था। वित्त आयोग (विविध प्रावधान) अधिनियम, 1951 (1951 का 33) के प्रावधानों के तहत एन के सिंह को अध्यक्ष और शक्तिकांत दास, डॉ अनूप सिंह, डॉ अशोक लाहिड़ी तथा डॉ रमेश चंद्र को सदस्य और अरंिवद मेहता को सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
शक्तिकांत दास के पद छोड़ने के बाद अजय नारायण झा को आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श, विभिन्न स्तरों पर स्थानीय सरकारों, पिछले वित्त आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों, आयोग के सलाहकार परिषद और अन्य संबंधित विशेषज्ञों, प्रतिष्ठित संस्थानों एवं बहु-स्तरीय संस्थानों के साथ मंत्रणा के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया है।