वाशिंगटन। अमेरिका ने चीन पर एक बार फिर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने अपने यहां से फैलने वाले घातक कोविड-19 संक्रमण की भयावहता के बारे में जानते हुए भी इसे विश्व से छिपाया और इसके बारे में सबसे पहले जानकारी देने वाले पत्रकारों तथा नागरिकों को ही रास्ते से हटा दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शनिवार को ट्वीट करके विश्वभर में तबाही मचाने वाले कोरोना के लिए सीधे-सीधे चीन को जिम्मेदार ठहराया।
पोम्पियो ने कहा,‘‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को कोरोना वायरस की भयावहता के बारे सब कुछ पता था। उसने कोरोना को लेकर अलर्ट करने वाले ’ि’सल ब्लोअर और पत्रकारों की आवाजों को दबा दिया और उन्हें गायब तक कर दिया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के लिए सीधे तौर पर चीन दोषी है। इस महामारी से विश्वभर के करीब 10 लाख लोगों की मौत हुई है जिनमें अकेले दो लाख अमेरिकी हैं। इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के लिए एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘चीनी वायरस' की महामारी को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए संयुक्त राष्ट्र को चीन को जिम्मेदार ठहराना चाहिए।
कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया में लगभग दस लाख लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें दो लाख अमेरिकी नागरिक शामिल हैं। विश्व युद्ध के अंत और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 75 साल बाद, हम एक बार फिर एक बड़ी वैश्विक लड़ाई में लगे हुए हैं। हमने अदृश्य दुश्मन - चीन वायरस - के खिलाफ एक भयंकर लड़ाई छेड़ दी है, जिसने 188 देशों में लाखों लोगों की जान ले ली है।’’
ट्रम्प ने कहा, ‘‘वायरस संक्रमण के शुरूआती दिनों में चीन ने घरेलू उड़ानों को तो बंद कर दिया लेकिन विदेशीउड़ानों को चीन से बाहर जाने और दुनिया को संक्रमित करने की अनुमति दी। चीनी सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह घोषणा गलत की थी कि इस संक्रमण के मानव से मानव में फैलने का कोई सबूत नहीं है।’’