अहमदाबाद। अहमदाबाद के नवरंगपुरा इलाके के कोविड अस्पताल में आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। आग अस्पताल के चौथी मंजिल पर लगी। पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के ट्रस्टी भारत महंत और एक कर्मचारी को हिरासत में लिया है। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि श्रेय हॉस्पिटल को सील कर दिया है। 41 मरीजों को सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों के शरीर 40 से 60 फीसदी झुलस गए थे, लेकिन सभी की मौत सांस में कार्बन मोनोऑक्साइड जाने के चलते हुई। अभी पोस्टमॉर्टम की फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है, जिसके बाद ही मृतदेह अॅथारिटी को सौंपी जाएंगी।
पुलिस के मुताबिक, श्रेय अस्पताल में आग तड़के 3:30 बजे आईसीयू से शुरू हुई। इसके बाद दूसरे वार्ड में फैल गई। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। इसमें कोविड के मरीजों के लिए 50 बेड हैं। हादसे के वक्त 40 से 45 मरीज भर्ती थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की। मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मारे गए लोगों के परिवार को 2-2 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, इस हादसे में जख्मी लोगों को 50 हजार की मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री रूपाणी ने इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं। इस जांच का नेतृत्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम डिपार्टमेंट), संगीता सिंह करेंगी। मुख्यमंत्री ने तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
पुलिस और फायर बिग्रेड ने लोगों को बाहर निकाला : चश्मदीदों के मुताबिक, पुलिस और फायर बिग्रेड के कर्मचारियों ने मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया। इनका कहना है कि मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है। मरीजों के परिजन का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने आग लगने की जानकारी पुलिस और फायर बिग्रेड को देरी से दी। श्रेय हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के बारे में जानकारी लेने के लिए उनके रिश्तेदार और करीबियों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा।
15 मिनट में पहुंच गई थी फायर ब्रिगेड : अहमदाबाद फायर ब्रिगेड के एडिशनल चीफ फायर ऑफिसर राजेश भट्ट ने बताया कि ये आरोप गलत हैं कि फायर बिग्रेड की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचने में देरी की। हम सूचना मिलते ही 15 मिनट में ही पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि जब तक हम यहां पहुंचे, तब तक पूरा आईसीयू खाक हो चुका था। आग फैलने का कारण ऑक्सीजन के सिलेंडर थे।
हॉस्पिटल के दूसरे माले पर 40 मरीज थे, वहां तक धुंआ था। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। यहां पर भी कई मरीजों को ऑक्सीजन लगी थी। इसलिए खतरा लगातार बढ़ता जा रहा था। इन सबके बीच ब्रिगेड के 40 जवानों की टीम अंदर पहुंची और एक-एक कर सभी मरीजों को बाहर निकाला। हम सीधे कोरोना मरीजों के संपर्क में आए थे। इसलिए सभी कर्मचारियों को क्वारैंटाइन किया जाएगा।