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नीति आयोग ने पेश की भारत का दूसरा स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 14 2020 12:25AM | Updated Date: Jul 14 2020 12:25AM
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नई दिल्ली। नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) पर सतत विकास, 2020 पर भारत का दूसरा स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (वीएनआर) प्रस्तुत की। उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में प्रगति की निरंतरता और समीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (वीएनआर) प्रस्तुत की।
 
‘कार्रवाई का एक दशक: एसडीजी को वैश्विक से स्थानीय स्तर पर ले जाना’ शीर्षक से इंडिया वीएनआर 2020 की रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष , नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल, नीति अयोग के सीईओ अमिताभ कांत और नीति आयोग में एसडीजी पर सलाहकार संयुक्ता समददार द्वारा जारी की गई। कोविड-19 महामारी की वजह से वर्चुअल तरीके से आयोजित इस वर्ष एचएलपीएफ में 47 सदस्य देश 10 से 16 जुलाई के बीच अपने वीएनआर प्रस्तुत करेंगे।
 
संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के तत्वावधान में एचएलपीएफ की जुलाई में आठ दिनों के लिए सालाना बैठक होती है। एचएलपीएफ में सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत किए गए वीएनआर 2030 एजेंडा और एसडीजी की प्रगति और कार्यान्वयन की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह समीक्षा स्वैच्छिक और सदस्य देशों द्वारा खुद की जाती है। इसका उद्देश्य एजेंडा को लागू करने में मिली सफलताओं, चुनौतियों और सबक सहित प्राप्त अनुभवों को साझा करने की सुविधा प्रदान करना है।
 
किसी देश के वीएनआर की तैयारी की प्रक्रिया विभिन्न प्रासंगिक हितधारकों की भागीदारी के माध्यम से साझेदारी के लिए एक मंच प्रदान करती है। नीति आयोग ने वर्ष 2017 में भारत का पहला वीएनआर तैयार किया और उसे मंच पर प्रस्तुत किया। भारत ने बांग्लादेश, जॉर्जिया, केन्या, मोरक्को, नेपाल, नाइजर, नाइजीरिया और युगांडा जैसे अन्य दूसरी बार के प्रस्तुतकर्ताओं के साथ अपनी वीएनआर प्रस्तुत की। इस प्रस्तुति में एक लघु फिल्म भी शामिल थी जिसमें दूसरी वीएनआर को तैयार करने की प्रक्रियात्मक पहलुओं को समझाया गया और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कुछ क्षेत्रों में भारत की प्रमुख प्रगति के बारे में भी बताया गया।
 
डॉ. कुमार ने आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत कोविड महामारी से निपटने के भारत के तरीकों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उन सभी देशों के साथ एकजुटता जाहिर की जो कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने सभी विभाजनों तथा भेदों को मिटा देना चाहिए और एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अपनी प्रगति को और तेज करने के लिए मौजूदा स्थिति को बदलने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।
 
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