जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या पर चिंतित है और इसमें 50 प्रतिशत तक कमी लाने के लिए कार्ययोजना बनाएगी। गहलोत आज यहां मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को हेलमेट वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई जाएगी और सड़क सुरक्षा को अनिवार्य रूप से स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। उन्होंने दो पशुपालकों भंवरलाल जाट तथा नानूराम कुमावत को सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप में हेलमेट पहनाकर इस कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके तहत 15 हजार पशुपालकों को भीलवाड़ा डेयरी द्वारा हेलमेट वितरित किए जाएंगे।
गहलोत ने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली प्रत्येक मौत विचलित करने वाली होती है। पूरा परिवार इससे बिखर जाता है और जिस पीड़ा से गुजरता है उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लक्ष्य बनाकर प्रयास करेगी जिससे प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष होने वाली दस हजार मौतों की संख्या में कमी लाकर इसे आधा किया जा सकेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि रोड सेफ्टी को लेकर जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाए।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से राज्य में सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन इन पर तेज रफ्तार से दौड़ते वाहनों के कारण दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं। से में पुलिस और परिवहन सहित अन्य संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर बड़े रूप में जागरूकता अभियान चलाएं। इसके लिए जिलों में स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से रोड सेफ्टी को लेकर सेमिनार एवं अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएं।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि परिवहन विभाग सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश में मोटरयान अधिनियम-2019 लागू करने के पीछे राज्य सरकार की मंशा यही है कि लोगों को दुर्घटनाओं का शिकार होने से बचाया जा सके। सरकार ने जनहित को सर्वोपरि रखते हुए अपने क्षेत्राधिकार में तर्कसंगत आधार पर जुर्माना राशि का निर्धारण किया है।