वैश्विक COVID-19 मामलों की कुल संख्या 10.8 मिलियन से अधिक हो गई है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कथित तौर पर एक यू-टर्न लिया है और स्वीकार किया है कि चीनी सरकार ने संक्रामक कोरोनोवायरस के बारे में उन्हें इनिशियल लेवल पर यानी शुरुआत में नहीं बताया था। WHO शुरुआत से ही सभी देशों के निशाने पर रहा है और उस पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाया गया है।
WHO की तरफ से पहले कहा गया था कि चीन ने उसे पिछले साल दिसंबर में ही कोरोना के बारे में सूचित कर दिया था लेकिन अब WHO ने कोरोना को लेकर नई टाइमलाइन जारी की है और उसमे इस बात का जिक्र नहीं है कि चीन ने उसे कोरोना के बारे में बताया।
अमेरिकी साप्ताहिक समाचार पत्रिका द वाशिंगटन एग्जामिनर की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ द्वारा अपडेट की गई टाइम लाइन में तारीख वही है, लेकिन WHO अपनी बातों से पलट गया है। अब उसका कहना है कि चीन में WHO के कंट्री ऑफिस को मीडिया में वुहान नगरपालिका स्वास्थ्य आयोग के हवाले से आई खबरों से ‘वायरल नियोनिया’ के बारे में पता चला था।
WHO ने मंगलवार को हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी रिपब्लिकन की मिड-जून की अंतरिम रिपोर्ट के बाद COVID-19 महामारी की मूल रिपोर्ट को चुपचाप अपडेट किया। जिस से निष्कर्ष निकला कि चीन ने कभी भी डब्ल्यूएचओ को वुहान में फैलने के बारे में सूचित नहीं किया।
टाइमलाइन में यही एकमात्र बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ का कहना है कि उसने ‘चीनी अधिकारियों से वुहान में रिपोर्ट किए गए क्लस्टर पर जानकारी का अनुरोध किया है। अब कहा गया है कि 3 जनवरी 2020 को चीनी अधिकारियों ने वुहान में अज्ञात कारणों से वायरल निमोनिया के बारे में डब्ल्यूएचओ को जानकारी प्रदान थी। पहले WHO प्रमुख सार्वजनिक रूप से चीन की प्रशंसा करते रहे थेऔर अब वे कह रहे हैं कि चीन ने कोरोना वायरस के बारे में कोई जानकारी ही उपलब्ध नहीं कराई। इस से WHO की विश्वसनीयता को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।