नई दिल्ली। उद्योगपति संजय डालमिया की कंपनी डालमिया हेल्थकेयर ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के इलाज के लिए अपने आयुर्वेदिक मिश्रण पालीहर्बल कॉम्बिनेशन ‘आस्था-।5’ का क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है। डालमिया ग्रुप की डालमिया सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट (डीसीआरडी) एवं आरएंडडी सुविधा ने शोध के बाद 15 औषधियों का एक पालीहर्बल कॉम्बिनेशन बनाया, जिसे आस्था-15 का नाम दिया गया है। इसका वर्णन भारतीय चिकित्सा प्रणाली में भी है।
मल्टी-सेंट्रिक फेज़ 3 के क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए इंफोर्मेड कंसेंट डिक्लरेशन, इंश्योरेंस की शर्तों तथा ईसी के अनुमोदनों के निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप काम किया जाएगा। फेज़ 3 के क्लिनिकल परीक्षण सीटीआरआई पर पंजीकृत है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह अध्ययन आयुष मंत्रालय द्वारा इस महामारी का इलाज चाय, मसालों जैसे हर्बल उत्पादों के उपयोग द्वारा किए जाने के परामर्श के अनुसार किया गया है। पाली-हर्बल कॉम्बिनेशन, ‘आस्था-15’ ग्रुप द्वारा 16 मार्च को प्रस्तुत किया गया।
स्पेशियल्टी गवर्नमेंट हॉस्पिटल चेन्नई में इसका मरीजों पर डबल-ब्लाईंड, प्लेसेबो-कंट्रोल्ड अध्ययन किया जा चुका है। डबल ब्लाईंड अध्ययन के अनुसार यह दवाई ब्रोंकोडाईलेटर, डिकंजेस्टैंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, लंग डिटॉक्सीफायर है और इसका कोई साईड इफेक्ट नहीं। अब इस पालीहर्बल कॉम्बिनेशन, ‘आस्था-15’ का फेज़ 3 का क्लिनिकल परीक्षण चिकित्सको के निर्देशन में प्राथमिक कोविड-19 स्थलों पर शुरू किया जाएगा।
डालमिया ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष संजय डालमिया ने कहा, ‘‘हम अपने अत्यधिक प्रभावशाली आयुर्वेदिक मिश्रण का मानवों पर परीक्षण कर रहे हैं, जो कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने में मदद कर सकता है। हमारी दवाई के सफल मानव परीक्षण से पूरी दुनिया में न केवल इस संक्रामक वायरस का प्रभाव कम होगा, बल्कि इससे अन्य चिकित्सा विधियों के मुकाबले आयुर्वेद की प्रतिष्ठा भी स्थापित होगी, जो हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है।