नई दिल्ली। चीन पर इस समय दुनिया नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि कोरोना काल में वह अपनी विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है। ताइवान और हांगकांग के बाद चीन ने भारत से सटी सीमा पर भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने जानकारी देते हुए कहा है कि चीन के इरादे सही नहीं है, क्योंकि उसने भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी सेनाएं बढ़ा दी हैं।
लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में एलएसी के साथ कई क्षेत्रों में हाल ही में भारतीय और चीनी दोनों सेनाओं द्वारा बड़े सैन्य निर्माण हुए हैं, जो दो सप्ताह पहले दोनों सेनाओं की भिड़ंत के बाद यह साफ देखा जा सकता है कि बॉर्डर पर कुछ टेंशन जरूर है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, 'हम आज भी देखते हैं कि चीन की बढ़ती ताकतें भारतीय सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के उत्तर की ओर बढ़ गई हैं।'
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, 'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी वुहान से शुरू होने वाली कोरोना वायरस महामारी को दुनिया ये छिपाना में लगी रही। इसके बाद इसने हांगकांग के लोगों की स्वतंत्रता को नष्ट करने वाली कार्रवाई की है।' उन्होंने कहा, 'चीन दक्षिण चीन सागर में आगे बढ़ने और संपदा की चोरी करने में भी लगा हुआ है। चीन के द्वारा किए जा रहे इन कामों का वास्तविक प्रभाव न केवल चीनी लोगों पर बल्कि दुनियाभर के लोगों पर पड़ेगा।'
एक सवाल के जवाब में माइक पोम्पेओ ने कहा कि हाल की भारत की सीमा पर हों, या हांगकांग या दक्षिण चीन सागर सभी चीनी व्यवहार का हिस्सा रही हैं। हमने देखा है कि पिछले कई वर्षों से चीनी अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में लगा है और अधिक आक्रामक कार्रवाई कर रहा हैं। चीन इस समय बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के स्थानों के रूप में दुनिया भर में बंदरगाहों का निर्माण करने के प्रयास में लगा हुआ है। पिछले 20 वर्षों से अमेरिका ने इन चीजों का वास्तविक तरीके से जवाब नहीं दिया है। हमने चीनी बाजार में 1.5 बिलियन लोगों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना है।
पोम्पिओ ने कहा, ' हमारा रक्षा विभाग भी मानता है कि यह खतरा वास्तविक है। मैं आश्वस्त हूं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में हमारा रक्षा विभाग, हमारी सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा के हमारे प्रतिष्ठान हमें उस स्थिति में बनाए रखेंगे, जहां हम अमेरिकी लोगों की रक्षा कर सकते हैं। आज की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दस साल पहले की पार्टी से अलग है। जिन स्थानों पर सेना की तैनाती का अधिकार नहीं है वहां भी चीन उनकी तैनाती कर रहा है।'