नई दिल्ली। सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंव प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) का नाम बदलकर केन्द्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग और प्रोद्योगिकी संस्थान कर दिया गया है। परिवर्तित नाम तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1975 (तमिलनाडु अधिनियम 27,1975) के तहत पंजीकृत किया गया है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा कि अब सिपेट शिक्षण , कौशल विकास, प्रौद्योगिकी समर्थन और अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करते हुए पूरी तरह से खुद को पेट्रो रसायन क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित करने की स्थिति में होगा।
सिपेट का प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से प्लास्टिक उद्योग के विकास में योगदान करना रहा है। कई वर्षों की विकास प्रक्रिया से गुजरते हुए यह संस्थान प्लास्टिक के अभिनव प्रयोंगों पर आधारित ऐसे समाधान विकसित करने के लिए उद्योगों के साथ जुड़ रहा है जो संसाधनों के इस्तेमाल के मामले में युक्तिसंगत होने के साथ ही आसानी से बिकने वाले भी हैं।