चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने आज आरोप लगाया कि कोरोना महामारी को देखते हुए बिना तैयारियों के अचानक से लगाए गए लॉकडाऊन के कारण हरियाणा प्रदेश में लाखों श्रमिक, गरीब वर्ग के लोग, किसान, छोटे-बड़े उद्योग, व्यापारी त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। कुमारी सैलजा ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस कल (गुरुवार, 28 मई को) सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक देशव्यापी स्तर पर ऑनलाइन अभियान 'स्पीक अप इंडिया' चलायेगी।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र व प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने श्रमिकों के लिए कोई राशन, खाना, जरूरी चीजों और किसी भी तरह की राहत का कोई उचित प्रबंध नहीं किया। पहले इन श्रमिकों को उनके घरों पर भेजने के लिए सरकार की तरफ से कोई इतंजाम नहीं किए गए। इंतजाम न किए जाने से लाखों प्रवासी पुरूष, महिलाएं बच्चों को लेकर अपने घर जाने के लिए सड़कों पर पैदल ही निकल पड़े, जिनकी तस्वीरों, वीडियो और समाचारों ने देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है लेकिन सरकार ने फिर भी इनके लिए खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं किया गया। इनके लिए रेल और बस देरी से चलाई गई।
कुमारी सैलजा ने कहा कि विशेष श्रमिक ट्रेन-बस सेवाएं शुरू होने के बाद प्रदेश में घर जाने के लिए आठ लाख श्रमिकों ने अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था, जबकि सिर्फ दो लाख श्रमिकों को भेजा गया। इनमें भी जो श्रमिक हरियाणा की सरकार ने उत्तर प्रदेश भेजे गये, उन्हें वहां की सरकार ने वापस भेज दिया, जबकि केंद्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तीनों जगह भाजपा की सरकारें हैं। उन्होंने कहा कि या तो इन सरकारों के बच तालमेल नहीं है या सिर्फ श्रमिकों को भेजने का दिखावा किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मजदूरों के अलावा किसानों को भी इस सरकार की नाकामियों के कारण भुगतना पड़ा। महामारी में सरकार ने तुगलकी फरमान जारी करके कई हिस्सों में धान की खेती पर रोक लगा दी। कुमारी सैलजा ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर बढ़कर 43.02 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, लेकिन हरियाणा सरकार की तरफ से नया रोजगार देना तो दूर पुराने कर्मचारियों को ही नौकरी से निकाला जा रहा है और कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश से समाचार प्राप्त हो रहे हैं कि लगातार हरियाणा में हजारों कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से निकला जा रहा है। कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि सरकार की नाकामियों से पहले ही मंदी का सामना कर रहे हरियाणा प्रदेश में लाखों की संख्या में स्थापित छोटे-बड़े उद्योगों को इस समय खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों के खातों में तत्काल दस हजार रूपए सीधे हस्तांतरण किए जाएं, छह महीने के लिए हर महीने 7500 रूपये दिए जाएं, साथ ही प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों पर सुरक्षित तरीके से पहुंचाने के लिए इंतजाम किए जाएं।
इसके साथ ही मनरेगा मजदूरी को बढ़ाकर 200 दिन किया जाए। गरीबों को राशन वितरण किया जाए, राशन वितरण में चल रहे फर्जीवाड़े की जाँच की जाए। प्रदेश में उद्योगों, व्यापारियों को राहत देने, रोजगार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए।