चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य में रह रहे प्रवासी लोग अगर अपने राज्यों को लौटने की इच्छा रखते हैं तो सरकार उनकी सुरक्षित और निशुल्क वापसी के लिये प्रतिबद्ध है। खट्टर ने कहा कि राज्य से अब तक लगभग 2.90 लाख ऐसे प्रवासियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों के लिये 77 विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों और 5,500 से ज्यादा बसों के माध्यम से भेजा गया है। ये विशेष रेलगाड़ियों और बसें राज्य के अम्बाला, कालका, पानीपत, सोनीपत, गुरूग्राम, फरीदाबाद, हिसार तथा अन्य मुख्य स्थलों से रवाना की गई हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से प्रवासी श्रमिकोंं के परिवहन पर दस करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया गया है और यह राशि हरियाणा कोरोना राहत कोष के माध्यम से वहन की जा रही है। इसके अलावा लगभग 11,534 श्रमिक/लोग विभिन्न राज्यों से हरियाणा लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की उन्नति में प्रवासी श्रमिकों का उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने कहा कि विविधताओं के बावजूद हम सब देशवासी एक हैं और इसी भावना और सोच के साथ हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन में फंसे और अपने घर जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को हरियाणा सरकार के खर्च पर उनके गृह राज्यों में भिजवाने की शुरूआत की है।
उन्होंने कहा कि देश के किसी भी भाग में रहने वाले सभी भारतीय एक हैं और इनकी दुख-तकलीफ को दूर करना हम सब भारतीयों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों और लोगों को शैल्टर होम और अन्य जगहों से से रोडवेज की बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन तक लाने की व्यवस्था की गई है। रेलगाड़ियों, प्लेटफार्म और बसों की वैक्यूम क्लीनर बार-बार सफाई और इन्हें सैनिटाइज किया जा रहा है।
रवाना होने वाले प्रत्येक प्रवासी के हाथों को सैनिटाइज किया गया तथा उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था भी लगातार की जा रही है। इन श्रमिकों को निशुल्क ट्रेन की टिकट के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि रास्ते में इन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़ें। ट्रेन की प्रत्येक बोगी में बैठने वाले लोगों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा रही है।