नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कंपनियों से अपनी दूसरी अपील में आग्रह किया कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण आर्थिक संकट के बावजूद तकनीकी शिक्षण संस्थानों के होनहार छात्रों को दी हुई नौकरियां मान्य रखें। निशंक ने इस बात पर जोर दिया कि यह संकट अल्पकालिक है और सरकार जल्द से जल्द देश को इस संकट से निकालने के लिए तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।
उन्होंने उन छात्रों की जो इस वर्ष कैंपस प्लेसमेंट के तहत नौकरी के इंतजार में हैं की चिंंताओं को दूर करते हुए कहा, ‘‘ हमने ऐसे छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पहले ही कंपनियों से आग्रह किया है कि वे कोरोना वायरस महामारी की वजह से हुए संकट के समय को ध्यान रखते हुए उनको कैंपस प्लेसमेंट में नौकरी दें।’’ हाल में कुछ खबरें आ रही थीं कि कुछ कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट में दी गयी नियुक्तियों को अमान्य कर दिया है, इस पर उन्होंने कहा कि कंपनियों को यह समझना चाहिए कि कोरोना वायरस की वजह से अभी संकट है लेकिन यह ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा, ऐसे में नियुक्तियों को अमान्य करना ठीक नहीं है।
कंपनियां होनहार छात्रों को नौकरियों पर रख कर ही इस संकट से जल्द से जल्द उबर सकती हैं. ये छात्र ही भविष्य में देश को आगे ले जायेंगे।’’ उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सभी संस्थाओं के प्रयासों की सराहना की और मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
निशंक ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस की वजह से सभी देशवासियों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वन पर सभी लोग इस महामारी के खिलाफ जंग में एकजुट हैं, इस संकट के समय में मानव संसाधन मंत्रालय का प्रथम कर्तव्य छात्रों की समस्याओं को हल करना है, छात्रों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया के तहत ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली शुरू कर दी है जो कि हर उम्र वर्ग के छात्रों के लिए उपलब्ध है और जिसका लाभ करोड़ों विद्यार्थी उठा भी रहे हैं।
इसका लाभ प्राथमिक और मिडिल कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को सबसे ज्यादा होगा क्योंकि इससे उनका शैक्षणिक सत्र का नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को भी इससे काफी लाभ हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इसके पहले भी कंपनियों से अपील की कि वे इस महामारी के संकट के बीच में जल्दबाजी में कोई भी ऐसा कदम न उठाएं जो अभी तो उनको लाभ देते दिखाई दे रहे हों लेकिन आगे जाकर नुकसानदायक साबित हो।
उन्होंने कहा कि उनकी अपील के बाद आईआईटी दिल्ली के निदेशक रामगोपाल राव ने भी कंपनियों से अपील की है कि वे संकट के इस दौर में छात्रों के प्रति थोड़ा नरम रवैया अपनायें। केंद्रीय मंत्री ने शिक्षकों एवं छात्रों को लोगों के कोरोना वायरस पर लोगों को जागरुक करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि शिक्षकों एवं छात्रों के सम्मिलित प्रयासों द्वारा ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस महामारी के खिलाफ प्रेरित किया जा रहा है।