शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि राज्य में तबलीकी जमात के लोगों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने अपने को छिपाने की कोशिश की और महामारी कोरोना से निपटने में सरकार को सहयोग न दिया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। राज्य में कोरोना वायरस के सात नये पाजिटिव मामलों आने से अब इस महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर तेरह हो गई है। उन्होंने निजामुद्दीन मरकज से लौटे तबलीगी जमात के लोगों को कहा है कि वे आज पांच बजे तक सामने आए अन्यथा कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वीडियों जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने आज यहां बताया कि आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में 87 संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की गई। उन्होंने बताया कि सात नए पाजिटिव मामलों के साथ राज्य में कुल पाजिटिव मरीजों की संख्या 13 हो गई है तथा अब तक राज्य में दो लोगों की मौत हो चुकी है । डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में 33 और आइजीएमसी शिमला में 54 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे।
ठाकुर ने कहा कि सोलन जिला के बद्दी क्षेत्र की झाड़माजरी में रह रही महिला के चार रिश्तेदार भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। शुक्रवार को उक्त महिला की पीजीआई चंडीगढ़ में कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई थी। इसके इलावा नालागढ़ में तबलीगी जमात के जो लोग दिल्ली से लौट कर आए है उनमें से तीन लोग पाजिटिव पाए गए है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इससे पहले तक छह कोरोना के मामले थे। इनमें से दो मरीजों की मौत हो गई है तथा एक व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो गया है।
इसके अलावा चार मरीज टांडा मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन हैं। यहां भर्ती एक महिला मरीज के सवास्थ्य में भी सुधार हो रहा है। निजामुद्दीन मरकज से लौटे तीन जमाती भी टांडा में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4286 लोगों को कोविड-19 के कारण निगरानी में रखा गया है। इनमें से 1754 लोगों ने 28 दिन की आवश्यक निगरानी को पूरा कर लिया है।
ठाकुर ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज से गये तबलीगी जमात के लोग हिमाचल समेत देशभर में जहां जहां गए है उन लोगों में से बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। हिमाचल में ही अब तक तबलीगी जमात से जुड़े छह लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार को इनसे अभी तक कोई सहयोग नहीं मिला है। इनमें से किसी ने भी पुलिस या प्रशासन से संपर्क नहीं किया है। पांच बजे तक अपने क्षेत्र में डीसी या चिकित्सा अधिकारियों से समपर्क करें अन्यथा सरकार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।